लखनऊ।जमींन की नपाई का आधार राजस्व विभाग द्वारा “सिह्द्दे”(सीमांकन पत्थर)को ही माना जाता हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में बीते तीन दशको में शहरों का विस्तार और महंगी होती जमीनों के चलते प्रापर्टी डीलर, भू -माफियाओं ने सिह्द्दे गायब करना शुरू कर दिया और प्रदेश में हदबरारी(मेड़ का सीमांकन) के मुकदमे और झगडे बढ़ते गये।
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ऐसे ही मामलों को लेकर कुतुबुन्निशा नाम की महिला ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। कुतुबुन्निशा बनाम राजशेखर जिलाधिकारी लखनऊ की याचिका पर उच्च न्यायालय ने सरकार को उत्तर प्रदेश के सभी राजस्व गांवो में सीमांकन पत्थर स्थापित करने के आदेश दिए हैं।
जिसके चलते प्रदेश सरकार ने राजस्व विभाग को न्यायालय के आदेशों को तय समय सीमा में अनुपालन करने के निर्देशित किया हैं।
सिहद्दा न होना ही लड़ाई की जड़ बन गयी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सदर तहसील के अंतर्गत आने वालें राजस्व ग्राम ककौली के निवासी किसान अनूप यादव बताते हैं, कि उनके ग्राम पंचायत में सबसे ज्यादा मुकदमे हदबरारी के ही चल रहें है।सिहद्दा नहीं हैं और यहीं लड़ाई की जड़ बनती जा रही है।
अनूप आगे बताते है , “मेरी पैत्रक जमींन के बगल में प्रापर्टी डीलर दोस्त मोहम्मद की जमींन है। करीब ढ़ाई साल से मुकदमा चल रहा है, लेकिन सिहद्दा न होने के कारण सही नपाई नहीं हो पा रही थी। अन्य चिन्हों से जो नपाई हुई उसे प्रापर्टी डीलर मानने को तैयार नहीं हैं। जबकि हकीकत ये है कि यहाँ के सिह्द्दे, आस-पास के प्रापर्टी डीलरो ने ही जेसीबी से खुदवाकर गायब करवा दिए “।
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लखनऊ के भरत नगर मडियाव्, निवासी जमीनी मामलों के जानकार अधिवक्ता करुणेश तिवारी बताते है, ” हदबरारी और पैमाइश (मेड़ो का सीमांकन और नपाई )में सबसे बड़ी दिक्कत “सिहद्दा”गायब होने से हुई। दूसरे राजस्व विभाग के लचर कार्य प्रणाली का फायदा भी अराजक लोगो ने खूब उठाया, सिहद्दा फिर से स्थापित होनें पर जमीनों की नपाई में आसानी होगी।
नवम्बर तक प्रदेश में गायब सिह्द्दो को फिर से लगाने का लक्ष्य
राजस्व परिषद् उत्तर प्रदेश के उपभूमि-व्यवस्था आयुक्त भीष्मलाल वर्मा ने बताया की सीमा स्तंभों (सिहद्दा) की कोडिंग ,भौतिक सत्यापन ,मरम्मत ,पुर्नस्थापना, स्थापना का कार्य परिषद् द्वारा कराया जा रहा हैं।अप्रैल माह तक प्रदेश में 4,16,305 सीमांकन पत्थरों की कोडिंग और भौतिक सत्यापन का काम पूरा किया जा चुका हैं ।
भीष्म लाल आगे बताते हैं, कि क्षतिग्रस्त सीमा स्तंभों की मरम्मत 31 मई तक पूरा करने के निर्देश परिषद् द्वारा दिए गये हैं और नवम्बर 18 तक पुरे प्रदेश में गायब सीमांकन पत्थरों को पुनर्स्थापन के काम को तय समय सीमा में पूरा के निर्देश परिषद् द्वारा प्रदेश के सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।