यूपी के 25 हजार सरकारी स्कूलों में हैंडपंप खराब , 3 लाख बच्चों के सामने पीने का पानी का संकट

सरकारी स्कूल

लखनऊ। एक ओर तो बाढ़ प्रदेश के गांवों को बेहाल कर रही है वहीं पंचायतीराज विभाग की खुद की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 25 हजार स्कूलों में हैंडपंप खराब हो गए हैं। इन स्कूलों में तीन लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों के सामने पीने के पानी का जबरदस्त संकट है। अब इन हैंडपंपों की मरम्मत का आगाज करने का आदेश दिया गया है।

बाढ़ से घिरे प्रदेश में स्कूली बच्चों के पीने के पानी की दिक्कतें बनी हुई हैं। लखनऊ के काकोरी ब्लाॅक के गांव दशहरी के केके मौर्य बताते हैं, “उनके गांव के सरकारी स्कूलों से बच्चों की रोज की शिकायत है कि हैंडपंप से पानी नहीं आता है। ये गरीब परिवारों के बच्चे है, पढ़ने के लिए साथ में बोतल का पानी नहीं ले जा सकते हैं।”

उन्नाव के मोहान रोड स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल के अध्यापक राकेश कुमार पांडेय बताते हैं, “ हैंडपंप को सही कराने को लेकर कई बार शिकायत की गई मगर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। प्रदेश में पंचायतीराज विभाग की जिम्मेदारी गांवों के सरकारी स्कूलों में हैंडपंप लगाने और उनका रखरखाव करने की है। प्रदेश में करीब 25 हजार हैंडपंपों के खराब होने की रिपोर्ट हाल ही में ही विभाग की ओर से जारी की गई है।”

सरकारी स्कूलों का हाल पर पंचायती राज विभाग की रिपोर्ट।

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अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज चंचल कुमार तिवारी ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में इण्डिया मार्का-2हैण्डपम्पों की रिबोरिंग/रखरखाव किया जाना विद्यालयों में पेयजल सुविधा अत्यन्त आवश्यक है। राज्य परियोजना निदेशक,सर्वशिक्षा अभियान द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में रिबोर योग्य हैण्डपम्पों वाले विद्यालयों की संख्या-15751 है। मरम्मत योग्य हैण्डपम्पों वाले विद्यालयों की संख्या-8619 है, जिसका विद्यालयवार विवरण जनपदों को पृथक से उपलब्ध कराया गया हैं।

तिवारी ने बताया कि इस सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिलाधिकारी एवं जिला पंचायतराज अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि रिबोर योग्य हैण्डपम्पों का रिबोर तथा मरम्मत योग्य हैण्डपम्पों के मरम्मत के कार्य प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित अवधि के अन्दर पूर्ण किया जाय। विद्यालयों में स्थापित हैण्डपम्पों का रिबोर का कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा निर्धारित मार्गदर्शक सिद्धान्तों के अनुसार कराया जाए।

तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायतों में 14वें वित्त एवं राज्य वित्त आयोग से होने वाले समस्त कार्य ग्राम पंचायत विकास योजना में सम्मिलित किया जाना आवश्यक है। इस सन्दर्भ में यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि वर्णित रिबोर/मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में सम्मिलित है, अन्यथा की स्थिति में अनुपूरक कार्य योजना बनाकर कार्यों का अनिवार्य क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

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