यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट : नजर ठोस नतीजे पर 

UP Global Investors Summit

लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 21-22 फरवरी को होने वाली ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। सरकार की कवायद यह है कि इस बार लखनऊ में होने जा रही यह बहुप्रतीक्षित समिट केवल ‘रस्मी’ बनकर न रह जाए बल्कि समिट के बाद इसका ठोस नतीजा भी निकले जिसका लाभ उप्र ही नहीं, पूरे देश को मिल सके।

फिलहाल अधिकारियों का दावा है कि लगभग एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की जमीन तैयार हो चुकी है। दरअसल, सरकार बनने के बाद से ही सरकार ने पूरी ताकत उप्र में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगा दी, क्योंकि वह इन्वेस्टर्स समिट 2018 के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करना चाहती थी। उप्र में 1200 एनकाउंटरों के बाद क्या सरकार निवेशकों के मन से उप्र के भययुक्त माहौल के डर को दूर करने का भरपूर प्रयास किया गया है।

ये भी पढ़ें- इमर्जिंग इकोनॉमी की ओर निर्णायक कदम: यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में यह कहा था कि उप्र में अब तक 1200 एनकाउंटर हो चुके हैं और जरूरत पड़ी तो यह आगे भी जारी रहेंगे। योगी ने कानून व्यवस्था को लेकर अपनी मंशा पहले ही साफ कर दी थी। औद्योगिक विकास विभाग से जुड़े एक आईएएस अधिकारी ने बताया, “21-22 फरवरी को लखनऊ में होने वाले इस आयोजन से पहले सरकार ने पूरे देश में माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और मुंबई में इन्वेस्टर्स समिट के लिए रोड शो भी हुआ, जिसमें 200 से अधिक उद्योगपतियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।”

अधिकारी ने बताया, “दरअसल रोड शो के दौरान उद्यमियों के सामने सरकार की नई औद्योगिक नीति, इसके तहत उद्यमियों को दी जाने वाली रियायत और सरकार की मंशा से अवगत कराते हुए उप्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया। इन रोड शो की उपलब्धि यह रही कि कई उद्यमियों ने प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है।” उद्यमियों के साथ बैठक में आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण, वित्त, ऊर्जा, सौर ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों से जुड़े उद्योगपतियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

ये भी पढ़ें- प्रथम रोजगार समिट : यूपी में बोरोजगारी होगी दूर, 70 लाख युवाओं को रोजगार का लक्ष्य

औद्योगिक विकास विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने में काफी कारगर साबित हो रहा है। औद्योगिक रूप से अभी तक प्रदेश काफी पिछड़ा माना जाता रहा है। इसकी कई वजह थी, लेकिन अब स्थितियां बदली हैं।

योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। इसी क्रम में पहले नई औद्योगिक नीति लाई गई। फिर 13 कमर्शियल कोर्ट की स्थापना की घोषणा की गई। इसके बाद राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के गठन किया गया और अब विभिन्न राज्यों में रोड शो हुआ।

अधिकारियों के मुताबिक, समिट में नीदरलैंड, जापान, चेक गणराज्य, फिनलैंड, स्लोवाकिया और मॉरीशस पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हो रहे हैं। 21 फरवरी को औद्योगिक विकास से संबंधित आठ सत्र और 22 फरवरी को निवेशकों के वार्तालाप सहित आठ सत्र आयोजित किए जाएंगे। समिट के पहले दिन के सत्रों के मुख्य विषय इस प्रकार रखे गए हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित मंत्री शिरकत करेंगे।

ये भी पढ़ें- डिजिटल इंडिया के बाद अब डिजिटल ग्रामीण इंडिया की तैयारी

इस समिट को लेकर उप्र के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी खासे सतर्क दिखाई दे रहे हैं। निवेश के लिए उन्होंने कई राज्यों का दौरा कर उन्होंने वहां की बारीकियों का अध्ययन किया। महाना गुजरात भी गए थे, जहां उन्होंने उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी।

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना कहते हैं, “उद्यमियों को प्रदेश में उद्योग लगाने लायक माहौल बनने का यकीन दिलाया गया है। सुरक्षा व उद्योग के लिए जरूरी सुविधाओं तक के प्रति आश्वस्त किया। उद्यमी उद्योग लगाएं, हम उन्हें सुरक्षा की गारंटी देते हैं।” उन्होंने कहा, “हमारी सरकार में गुंडे किसी भी उद्यमी से न तो टैक्स ले सकते हैं, न ही कोई चंदा। सरकार उद्योग के बाहर और उद्यमियों के साथ गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेगी।”

महाना ने यह भी साफतौर पर कहा कि औद्योगिक विकास स्लोगन से नहीं होता, इसके लिए उचित माहौल बनाना होता है। यह माहौल सरकार ने तैयार कर दिया है। बात सुविधाओं के सरलीकरण की हो या फिर सुरक्षा की, जो भी जरूरी है, सरकार वह हर कदम उठा रही है।

ये भी पढ़ें- फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे नीलगाय और छुट्टा पशु, गुजरात के किसान ने बनाई अनोखी मशीन

Recent Posts



More Posts

popular Posts