लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। साल 2021-22 में भारी बारिश और बाढ़ से 45 से ज्यादा जिलों के लाखों किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सरकार किसानों की भरपाई के लिए अब तक 535 करोड़ रुपए रुपए जारी किए हैं, इससे करीब 15 लाख किसानों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई रैलियों में कह चुके हैं उनकी सरकार किसानों के साथ और जहां-जहां नुकसान हुआ है किसानों को मुआवजा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में हालिया बाढ़ के चलते नुकसान उठाने वाले किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत 535 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। सितंबर के 17-19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश में धान, मक्का, अगैती आलू और सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था। इस वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वांचल के जिलों में हुआ है।
उत्तर प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, मनोज कुमार सिंह के मुताबिक शनिवार को राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित 1,82,731 से अधिक किसानों को राहत के रूप में वितरित करने के लिए 63.16 करोड़ रुपये (63,16,82,771) की किस्त जारी की। इससे पहले, सरकार ने राज्य भर के 13.45 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित करने वाले किसानों को पहले ही किश्तों में 471.77 करोड़ रुपये जारी किए थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ने कहा, “फसल नुकसान के आंकलन के बाद सरकार ने राज्य में लगभग 5,34,94,38,981 रुपये की फसल के नुकसान का अनुमान लगाया है। किसानों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने 15,26,351 किसानों के लिए 535 करोड़ का मुआवजा जारी किया है, राज्य सरकार पूरी ताकत से किसानों के काम कर रही है। फसल नुकसान का पैसा जिलाधियारियों को भेजा गया है जो सीधे कासनों के खातों में डीबीटी के जरिए पर पहुंचाएंगे।
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक बारिश और बाढ से कम से 10-15 फीसदी नुकसान हुआ है। इसके अलावा जो फसल की पैदावार हुई बारिश-बाढ़ में भीगने से उसकी गुणवत्ता भी खराब हुई है।
2021-22 में सबसे ज्यादा कर्नाटक तो छठे नंबर पर यूपी
7 दिसंबर 2020 को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया वित्तीय वर्ष 2021-22 में 25 नवंबर तक (अंनतिम आंकड़े) के अनुसार उत्तर प्रदेश में 3.61 लाख हेक्टेयर फसल बाढ़ और बारिश से खराब हुई थी। इससे पहले साल 2020-21 में प्रदेश में 1.08 लाख हेक्टेयर फसल का नुकसान हुआ था। हालांकि पिछले पांच वर्षों में 2019-20 ऐसा वर्ष था जब प्रदेश सर्वाधिक नुकसान हुआ थी, इस वर्ष में 8.13 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई थीं।
संसद में दिए गए जवाब के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान कर्नाटक (13.9 लाख हेक्टेयर), दूसरे नंबर पश्चिम बंगाल- (6.90 लाख हेक्टेय़र), तीसरे नंबर पर राजस्थान (6.79 लाख हेक्येटर), चौथे नंबर बिहार (5.80 लाख हेक्टेयर) पांचवे पर महाराष्ट्र (4.55 लाख हेक्टेयर) और छठे पर उत्तर प्रदेश है जहां 3.61 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा था। साल 2020-21 में पूरे देश में 66.55 लाख हेक्टयर फसल को नुकसान पहुंचा था था जबकि इस बार 25 नवंबर के आंकड़ों के अनुसार 50.46 लाख हेक्टयर में फसल नुकसान हुआ है।
साल 2021-22 के दौरान राज्यों में फसल का नुकसान
राज्य- फसल नुकसान (लाख हेक्टेयर)
कर्नाटक 13.9
पश्चिम बंगाल 6.90
राजस्थान 6.79
बिहार 5.80
महाराष्ट्र 4.55
उत्तर प्रदेश 3.61
स्त्रोत- शीतकालीन सत्र 2021
ये भी पढ़ें- यूपी: फसल बर्बादी ने नुकसान की भरपाई के लिए अब तक 383 करोड़ से ज्यादा रुपए जारी