बाढ़ और बारिश से नुकसान उठाने वाले किसानों को राहत देने के लिए के लिए प्रदेश सरकार ने मुआवजा दिया है। इस मुआवजे का 16 लाख 26 हजार किसानों को लाभ हुआ है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए किसानों को 585 करोड़ रुपए की मदद दी गई है। ग्राम्य विकास, पंचायती राज और राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सितंबर, अक्टूबर 2021 और फिर जनवरी 2022 में तेज बारिश और बाढ़ के कारण फसलों के नुकसान की सूचना मिली थी। इसके लिए कृषि और राजस्व विभाग द्वारा गहन सर्वेक्षण कराया गया और पात्र पाए गए 16,26,225 किसानों को राज्य आपदा राहत कोष से 585.95 करोड़ की राशि बतौर मुआवजा सीधे उनके बैंक खाते में भेजी गई।
जनवरी, 2022 से देश के कई राज्यों में जारी बारिश, ओलावृष्टि के चलते दलहनी, तिलहनी और और सब्जी वर्गीय फसलों को भारी नुकसान हुआ था। उत्तर प्रदेश में आगरा बेल्ट में सरसों और आलू का भारी नुकसान हुआ तो बुंदेलखंड रीजन में बांदा, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन मटर, चना मसूर के साथ सरसों को भारी नुकसान हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों को राहत देने के इस प्रयास की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री निर्देश दिए हैं कि एक भी प्रभावित किसान मुआवजा से वंचित न रहे।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में सितंबर-अक्टूबर में आयी बाढ़ के चलते नुकसान उठाने वाले किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत 535 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। सितंबर के 17-19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश में धान, मक्का, अगैती आलू और सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था। इस वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वांचल के जिलों में हुआ है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने किसानों की भरपाई के लिए अब तक 535 करोड़ रुपए रुपए जारी किए थे, इससे करीब 15 लाख किसानों को फायदा होगा।
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक बारिश और बाढ़ से कम से 10-15 फीसदी नुकसान हुआ है। इसके अलावा जो बारिश-बाढ़ में भीगने से फसल उत्पादन की गुणवत्ता भी खराब हुई है।
आग लगने की घटनाओं से बचाव के भी होंगे पुख्ता इंतज़ाम
गर्मी के मौसम में हर साल खड़ी फसल में आग लगने की घटनाएं होजी हैं। गेहूं की फसल जलने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने सतर्कता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पहले की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा के आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। फसल बीमा योजना से कवर किसानों के अलावा यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने/आग लगने से जलती है तो उसे भी मंडी समिति के माध्यम से नियमानुसार मुआवजा दिया जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्ध के काम को तेज करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि फायर टेंडर के लिए ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 07 मिनट का रेस्पॉन्स टाइम सुनिश्चित किया जाए।