लखनऊ। आगरा में सट्टे और चरस के धंधे को बंद कराने के साथ ही बच्ची के अपहरण की कोशिश को नाकाम कर अपराधियों से मोर्चा लेने वाली नाजिया खान को इस वर्ष का राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मिलने वाले पुरस्कार के लिए नाजिया अपने पिता कदीर के साथ दिल्ली पहुंच चुकी है। इस वर्ष जिन 18 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने का फैसला किया गया है, उनमें नाजिया भी एक हैं। खास बात यह है कि उन्हें शीर्ष सम्मान भारत अवॉर्ड मिलेगा।
18 साल की नाजिया आगरा के मंटोला क्षेत्र में रहती हैं, जो कभी जुए, सट्टे और चरस के कारोबार के लिए बदनाम था। नाजिया ने करीब दो वर्ष पहले क्षेत्र में जुए, सट्टे और चरस के कारोबार के खिलाफ पुलिस में शिकायत की तो उसे तेजाब डालने और जान से मारने की धमकी मिली। नाजिया ने इससे हार नहीं मानी और मुख्यमंत्री को ट्वीट कर दिया। तब पुलिस ने ऐसा ऐक्शन लिया कि आगरा के कई क्षेत्रों में ये धंधे बन्द हो गए।
मिल चुका है रानी लक्ष्मी बाई बहादुरी पुरस्कार
नाजिया की बहादुरी का यह अकेला किस्सा नहीं है। उन्होंने 2015 में आगरा में छह वर्ष की एक लड़की को किडनैप होने से बचाया था। तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने उन्हें रानी लक्ष्मी बाई बहादुरी पुरस्कार दिया था।
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नहीं थी राह आसान
नाजिया के मुहल्ले में सट्टे, जुए और चरस का कारोबार होने के कारण लड़कियों को घर से बाहर निकलने में डर लगता था। नाजिया ने इनके आगे न झुकने का फैसला किया। पुलिस प्रशासन में शिकायत की तो चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इससे समस्या खत्म नहीं हुई बल्कि नाजिया की मुश्किल बढ़ गई।
बदमाशों ने नाजिया के सिर पर तानी बंदूक
बदमाश एक दिन घर में घुस आए और नाजिया, उनकी मां और बहन के साथ पिटाई की और तोड़फोड़ मचाई। बदमाशों ने नाजिया के सिर पर बंदूक रख दी, लेकिन नाजिया ने सोच लिया कि अगर नेक काम के लिए जान भी देनी पड़ी तो कम है।
तेजाब फेंकने की मिली धमकी
एक बार जब वह परीक्षा देने के लिए स्कूल जा रही थी तब रास्ते में रोक कर तेजाब फेंकने की धमकी दी गई। नाजिया घर लौट आईं। मां ने तब उन्हें बुर्के में परीक्षा देने के लिए भेजा। अक्सर मिलने वाली धमकियों से होने वाले मानसिक तनाव के कारण नाजिया बीमार रहने लगीं। तब मां को लगा कि इलाका छोड़ना होगा। उन्होंने घर बेचकर कहीं और शिफ्ट करने का इरादा बना लिया, लेकिन नाजिया ने कहा कि हम बर्दाश्त करने लगे तो ऐसे बदमाशों का हौसला बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री को किया ट्वीट
एक दिन नाजिया ने अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का फैसला किया और उन्हें अपनी समस्या लिख कर ट्वीट किया। इसके बाद आगरा पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और आखिरकार बदमाशों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हुई कि आगरा के कई इलाकों में सट्टे जुए आदि के कारोबार बंद हो गए। नाजिया का कहना है कि डर के आगे जीत है। अब मोहल्ले के लोग भी कहते हैं कि नाजिया हमारी नाज है, आगरा की सरताज है।
जान पर खेलकर किडनैपर्स से छुड़ाई बच्ची
सात अगस्त 2015 की घटना को याद करते हुए नाजिया बताती हैं कि हर दिन की तरह स्कूल से वापस घर आ रही थीं। इसी दौरान छह साल की बच्ची को दो मोटरसाइकिल सवार उठाकर बाइक पर बैठाने का प्रयास कर रहे थे। राहगीर मूकदर्शक बने हुए थे। उसने बैग फेंकर मोटरसाइकिल सवार बदमाशों के पास पहुंच गई। हेल्मेट लगाए अपहरणकर्ताओं के बीच बैठी बच्ची के फ्राक को पकड़ कर उसने घसीटना शुरू कर दिया। मोटरसाइकिल सवार बदमाश गिर गए। बदमाशों ने पलटकर उसके ऊपर हमला बोल दिया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। नाजिया ने जान पर खेलकर बच्ची को नहीं छोड़ा। इस बीच लोगों की भीड़ भी आ गई और मौका देख बदमाश फरार हो गए। नाजिया ने बच्ची डिम्पी से पता पूछा और उसे उसके घरवालों के सिपुर्द कर दिया। घटना की आगरा ही नहीं पूरे प्रदेश में चर्चा हुई थी।
पुरस्कार पाने वाले 18 बच्चों में 7 लड़कियां
वीरता पुरस्कार पाने वाले 18 बच्चों में 7 लड़कियां है। गीता चोपड़ा सम्मान कर्नाटक की नेत्रवती चौहान को दिया गया है, जबकि संजय चोपड़ा अवॉर्ड पंजाब के करणवीर सिंह को दिया जा रहा है। 18 में से 3 बच्चे अब इस दुनिया में नहीं हैं। प्रधानमंत्री बच्चों को 24 जनवरी को अवॉर्ड देंगे जिसमें मेडल, सर्टिफिकेट और 50 हजार तक कैश होता है। ये बच्चे रिपब्लिक डे परेड में भी हिस्सा लेंगे।