ऐसा पहला मौका था जब मंत्रोच्चार के सात फेरे और निकाहनामा साथ-साथ एक ही मंडप में पढ़े जा रहे थे, मौका था मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 151 जोड़ों के सामूहिक विवाह का।
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‘‘एक ही पंडाल में हिन्दू और मुस्लिम मिलकर शादी कर रहे हैं, अच्छा लग रहा है। समाज में अच्छा संदेश जाएगा। सरकार अच्छा कर रही है। बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है।’’ यह कहना है कानपुर जिले के देवा मकनपुर से आए 25 वर्षीय इकबाल का।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 150 किमी दूर कन्नौज शहर के बोर्डिंग ग्राउंड पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 115 जोड़ों की शादी और निकाह हुआ। इसमें इकबाल की तरह कई लोगों ने इस कार्यक्रम को अच्छा बताया। उन्होंने आगे कहा, ‘‘मेरा निकाह कन्नौज जिले के गुरसहागयंज की रूबीना के साथ हुआ है।’’
जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब 50 किमी दूर कुंवरपुर बनवारी से आए 24 साल के शहनवाज ने बताया, ‘‘मेरा निकाह ताहपुर की 20 वर्षीय आसमां से हो रहा है। हिन्दू और मुस्लिम मिलजुलकर शादी कर रहे हैं अच्छा लग रहा है। योजना सही है, चलनी चाहिए।’’
आसमां बताती हैं कि ‘‘योजना सही है। शादी दहेजरहित हो रही है।’’
डीएम रवीन्द्र कुमार बताते हैं, ‘‘ऐसे लोग होते थे, जिनकी धूमधाम से शादी नहीं हो पाती थी। गरीब परिवार की शादी का उत्सव नहीं हो पाता था। मुख्यमंत्रीजी की परिकल्पना है कि ऐसे लोगों की धूमधाम से शादी हो, उसी के तहत 138 जोड़ों का पंजीकरण हुआ है।’’
डीएम आगे बताते हैं कि ‘‘सामूहिक विवाह कार्यक्रम में चार निकाह और सौ से अधिक जोड़ों की हिन्दू-रीतिरिवाज से शादी हुई है। जो भी लोग इस तरह की शादी करना चाहते हैं तो शहरी क्षेत्र के लोग नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बीडीओ के यहां कर सकते हैं। आगे भी शादियां होंगी। जो लोग आज नहीं आ पाए हैं या रह गए हैं वो संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर लें।’’
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की तरह सामूहिक विवाह योजना शुरू की गई है। जब से हम सरकार में हैं जनहित कार्य में संकल्पित हैं। सीएम की कार्यशैली अच्छी है। छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देते हैं।
संदीप सिंह, प्रभारी/बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, चिकित्सा एवं शिक्षा राज्यमंत्री
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत पाठक बोले, ‘‘जिनके पास पैसा नहीं है तो उत्सव नहीं मना पाते हैं। अगर होता भी है तो कर्ज लेते हैं या खेती बिक जाती है। कुरीति भी है कि अगर बेटी पैदा हुई तो मातम जैसा माहौल होता है। सामूहिक विवाह में गरीब भी उत्सव मना रहा है।’’
दूल्हा बने विजय बताते हैं कि ‘‘इस कार्यक्रम से दहेतरहित शादी का संदेश जाएगा। अन्य लोग भी इस ओर बढ़ें। अच्छी योजना है।’’ विजय की दुल्हन ने बताया, ‘‘नई योजना से कई गरीब बेटियों के हाथ पीले हो गए। हम खुश हैं।’’
खनिकर्म, मद्य निषेध राज्यमंत्री अर्चना पांडेय ने कहा, ‘‘कई गरीब बेटियों की शादी सामूहिक विवाह में हुई है।’’ मंत्रियों ने नवदंपत्तियों को मोबाइल भी भेंट किए। सीडीओ अवधेष बहादुर सिंह ने बताया, ‘‘चार निकाह समेत 115 लोगों की शादियां हुई हैं।’’
जिला समाज कल्याण अधिकारी संतोष पाठक बताती हैं, ‘‘सरकार की ओर से एक शादी पर 35 हजार रूपए का बजट दिया गया है। 20 हजार खाते में जाएगा। 10 हजार का सामान है और पांच हजार रूपए शादी खर्च है। इसमें भोजन व टेंट भी शामिल है।’’
संचालन करते हुए पूर्व प्रधानाचार्य एनसी टंडन ने कहा कि ‘‘गद्दा, बक्सा, चादर, लोटा, साड़ियां, पगड़ी आदि सामान दिया गया है।’’
मौलवी ने कहा, गरीबों में मैसेज जाएगा
निकाह कराने वाले मौलवी आफताब आलम ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री जी ने कन्नौज में जो विवाह कार्यक्रम रखा है मैं उनका शुक्रगुजार हूं। इससे गरीबों के अंदर एक मैसेज जाएगा। आज लड़कियों का जो मसला बना हुआ है खासतौर से दहेज, इस तरह से के प्रोग्राम करने से जनता को सहायता मिलेगी। लड़कियों के गार्जियन को इससे बहुत हेल्प होगी। इसकी सराहना करता हूं।’’
बुलेट की मांग पर दूल्हा गायब
सामूहिक विवाह में चर्चा रही कि एक दूल्हा ससुराल पक्ष से बुलेट गाड़ी की मांग कर रहा था। न मिलने पर वह फेरे लेने से पहले ही फरार हो गया। बताया गया है कि वह गुरसहायगंज क्षेत्र का था। बाद में अफसरों ने किसी तरह उसको मनाया और बुलाया।