लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए विधानसभा में 4,28,384.52 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। उत्तर प्रदेश बजट 2018—19 की खास बातें:-
- बजट का आकार 4,28,384.52 करोड़ रुपए जो 2017-2018 के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत अधिक है।
- बजट में 14,341.89 करोड़ रुपए की नई योजनाएं।
- वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 581.60 लाख टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11.28 लाख टन निर्धारित।
- बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेत-तालाब योजना के तहत आगामी वर्ष में पांच हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य।
- सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना के लिए 131 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- स्प्रिंकलर सिंचाई योजना के अन्तर्गत किसानों को सब्सिडी के लिए 24 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- शरदकालीन गन्ना बुवाई के लिए एक लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। 80 लाख कुंतल उन्नतिशील गन्ना बीज गन्ना कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- सीएम खाद्य प्रसंस्करण मिशन के क्रियान्वयन के लिए 42.49 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 31 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- पंडित दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिए 75 करोड़ रुपए।
- विकास खण्डों में पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले के आयोजन के लिए 15 करोड़ रुपए। राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपए।
- डेयरी विकास फण्ड की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपए।
- देशी नस्ल की गायों के माध्यम से सर्वाधिक गौ दुग्ध उत्पादन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए नई नन्द बाबा पुरस्कार योजना के लिए 52 लाख रुपए और गोकुल पुरस्कार के लिए 54 लाख रुपए।
- मछुआरों के कल्याण को मत्स्य पालक कल्याण फण्ड की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 11 हजार 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित। शहरी क्षेत्र के लिए 2217 करोड रुपए का प्रावधान। स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 1650 करोड रुपए।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत लगभग एक हजार 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- श्यामा प्रसाद रुर्बन मिशन के लिए 214 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए एक हजार 500 करोड़ रुपए और राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिये 120 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री आवास योजना हेतु 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के लिए वर्ष 2018-19 में 5,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था। शहरी क्षेत्र के लिए 1100 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान एवं अन्य सभी मत, पंथ एवं मजहब स्थलों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- निःशुल्क बोरिंग योजना के लिए 36 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- औद्योगिक निवेश नीति-2012 के लिए 600 करोड़ रुपए तथा नई औद्योगिक नीति के लिए 500 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।
- बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य के लिए बजट में 650 करोड़ रुपए की व्यवस्था। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों के लिए बजट में 550 करोड़ रुपए का आवंटन। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपए तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।
- एक जनपद एक उत्पाद योजना को क्रियान्वित किए जाने के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेंटिंग नीति-2017 के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली देने के लिये 150 करोड़ रुपए।
- स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना के लिए 250 करोड़ रुपए।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नए आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य।
- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिए 291 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।
- एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित। केजीएमयू में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किए जाने का लक्ष्य।
- डा़ राम मनोहर लोहिया इन्स्टीयूट आफ मेडिकल साइंसेज के नवीन कैम्पस में 500 शैय्यायुक्त सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग कालेज का नर्मिाण कराया जाएगा।
- रबी खरीद मौसम में 50 लाख मीट्रिक टन गूहं खरीद का लक्ष्य।
- प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों के लिए 11 हजार 343 करोड़ रुपए आवंटित।
- पुल निर्माण के लिए एक हजार 817 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित।
- मार्गों के नवीनीकरण, अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य के लिए तीन हजार 324 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।
- विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपए।
- बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं के लिए वर्ष 2018-2019 में 29 हजार 883 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- सौर ऊर्जा नीति-2017 में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर वद्यिुत परियोजनाओं का लक्ष्य।
- दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ कारिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सस्टिम परियोजना के लिए 250 करोड़ रुपए।
- प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपए।
- लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के नए कार्यों के लिए 300 करोड़ रुपए।
- कुम्भ मेला 2019 के लिए बजट में एक हजार 500 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं के लिए लगभग सात हजार 858 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए दो हजार 757 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
इनपुट भाषा
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।