आगरा (यूपी)। उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस की हिरासत में सफाई कर्मचारी की मौत मामले को लेकर हंगामा जारी है। एसएसपी मुनिराज जी के मुताबिक सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक अरुण कुमार की मौत हार्ट अटैक से हुई है। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट में शरीर पर चोट के निशान बताए गए हैं।
दो डॉक्टर के पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है। इस मामले में निरीक्षक समेत 5 पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। यूपी सरकार ने 10 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की वादा किया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 30 लाख की मदद का ऐलान किया है।
यूपी के आगरा के जगदीशपुर थाने के मालखाने में हुई चोरी के मामले में पुलिस ने 17 अक्टूबर को सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि को हिरासत में लिया था। पुलिस के मुताबिक उसने चोरी की बात कबूली थी और 15 लाख रुपए उसके घर से बरामद भी हुए थे। पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई।
एसएसपी मुनिराज के मुताबिक 17 अक्टूबर को जगदीशपुर थाने में माल खाने के बक्से से 25 लाख रुपए की चोरी हो गई थी। पुलिस इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर थाने पर आने जाने वाले कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की है। उसमें कल अरुण नाम के व्यक्ति से पूछताछ की उसकी गुनाह कबूल किया था उसके घर से 15 लाख की रुपए की रिकवरी हुई। पैसा देखने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ी। पुलिस ने उनके परिवार की मौजदूगी में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में पीड़ित परिवार की तरफ से दी गई तहरीर दी है।
₹25 लाख(थाना जगदीशपुरा)की चोरी के संबंध में अभियुक्त अरुण से ₹15 लाख की बरामदगी के दौरान तबीयत खराब होने पर अस्पताल में डॉक्टर द्वारा मृत घोषित किया।NHRC की गाइडलाइन के अनुसार,पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही करते हुए,FIR दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही के संबंध में #SSP_AGRA बाइट pic.twitter.com/0rJoPNLziD
— AGRA POLICE (@agrapolice) October 20, 2021
हिरासत में मौत होने के मामले में एसएचओ आनंद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही सत्यम, सिपाही रूपेश, सिपाही महेंद्र को सस्पेंड कर दिया गया। एसएसपी के मुताबिक पुलिस आगे पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही करेगी। एसएसपी के मुताबिक पीड़ित परिवार पुलिस की अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट है। इसके बाद 20 अक्टूबर की शाम को मृतक अरुण वाल्मीकि का परिजनों के साथ भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस हिरासत में मौत को लेकर अरुण के भाई बंटी ने गांव कनेक्शन को बताया, “दोपहर करीब 3:30 बजे (20 अक्टूबर) पुलिस अरुण को लेकर घर आई और घर की तलाशी के दौरान घर से 15 लाख रुपए बरामद हुए, जिन्हें देखकर अरुण की हालत बिगड़ गई। पुलिस ने हम लोगों को साथ लेकर अरुण को पास ही जीवन ज्योति हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां ईलाज के दौरान अरुण की मौत हो गयी।”
बंटी बताते हैं, “पुलिस ने ताजगंज क्षेत्र से कुछ लोगों को हिरासत में लिया था और वहां कहा था कि अगर अरुण दिखाई दे तो इसकी सूचना पुलिस को देना, उसके बाद ही लोगों की सूचना पर पुलिस ने अरुण को ताजगंज से गिरफ्तार किया था।” अरुण के परिवार का मानना है कि अरुण कि मौत पुलिस हिरासत में पिटाई की वजह से हुई है। पुलिस ने मामले में अरुण के भाई सोनू की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा दर्ज किया है।
हिरासत में मौत के मामले यूपी में सबसे ज्यादा
लोकसभा में 27 जुलाई 2021 को प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए प्रश्न संख्या 1161 के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से प्राप्त सूचना के अनुसार देश में उत्तर प्रदेश पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत में मौत होने के मामलें में नंबर वन है। गृहराज्य मंत्री नित्यानंद ने लिखित जवाब में तीन वर्षों का आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018-19 में पुलिस हिरासत में 12 और न्यायिक हिरासत में 452 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2019-20 में पुलिस हिरासत में 3 और न्यायिक हिरासत में 400 लोगों की मौत हुई।वहीं वर्ष 2020-21 में पुलिस हिरासत में 8 और न्यायिक हिरासत में 443 लोगों की मौत हुई है, जो देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है।”
देश में पिछले तीन सालों में 5569 लोगों की पुलिस और न्यायिक हिरासत में मौत हुई है उसमें 1318 लोगों की मौत सिर्फ उत्तर प्रदेश में हुई है।
भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा?
आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है!
हत्यारे पुलिस कर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई। pic.twitter.com/WOzn3EZ8mA
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 20, 2021
सफाई कर्मचारी की मौत पर राजनीति तेज
वाल्मीकि जयंती पर अरुण वाल्मीकि की कथित पुलिस कस्टडी में मौत की सूचना पर प्रदेश में भी सियासी घमासान मच गया। मामले को लेकर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्यवाही की मांग करते हुए हुए ट्वीट कर कहा, “भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है, आगरा में पहले सांठगांठ करके थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी कराई गई, फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाई कर्मी की पुलिस कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है”।
अरुण वाल्मीकि के परिवार को न्याय दो। pic.twitter.com/z1J6sJJ3BK
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 20, 2021
अंतिम संस्कार के बाद प्रशासन ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी। इसके बाद लोहामंडी स्थित अरुण वाल्मीकि के आवास पर पहुँच कर प्रियंका गांधी ने परिजनों से मिलकर शोक व्यक्त किया। परिवार से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, “अरुण कुमार की पत्नी ने मुझे बताया है मेरे पति के साथ पुलिस ने बर्बरता की है, बहुत मारा है। यहाँ तक कि पुलिस ने इलेक्ट्रिक शाक दिया है। अरुण के साथ गयी बर्बरता को मैं बता नहीं सकती हूं।
मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने मृतक अरुण बाल्मीकि के परिवार को 30 लाख रुपए की सहायता देने की बात कही। साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार को कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराएगी। देर रात राज्यसभा सांसद आप नेता संजय सिंह ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।
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