शुभम मिश्र/अभिषेक मिश्र
कन्नौज। मकर संक्रान्ति के पर्व पर ईंट भट्टों पर जमकर कपड़े बांटे गए। समाजसेवी, आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र की टीम और गाँव कनेक्शन ने मिलकर करीब 600 गर्म कपडे़ बांटकर जरूरतमंदों को सर्दी में राहत दी।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 155 किमी दूर कन्नौज जिले के जलालपुर व नवाजीपुर में सावित्री और काजल ईंट भट्टों पर काम करने वाली महिलाओं और पुरुषों के अलावा उनके बच्चों को गर्म कपड़े बांटने का अभियान चला।
समाजसेवी, आपकी सखी एजेके और गाँव कनेक्शन टीम ने पहुंचे जरूरतमंदों के पास
कन्नौज शहर के मोहल्ला पकरिया टोला निवासी 55 वर्षीय निर्मल गुप्त बताते हैं, ‘‘गरीब बच्चे हैं, इनके पास कपड़े नहीं होते हैं। ऐसे ही सर्दी काटते हैं, इसलिए हमने मन बना लिया कि कपड़े बांट दें। पिछली वर्ष हमने बिस्किट बांटे थे, लेकिन लगा कि बच्चों की ठंड कैसे दूर होगी। तो इस बार कपडे़ बांटने का प्लान बना लिया।’’
निर्मल आगे बताते हैं कि ‘‘हम लोगों ने 240 गर्म कपड़े और 24 मफलर आदि बांटे हैं। अभियान आगे भी जारी रहेगा।’’
करीब 600 कपड़े बांट भट्टा मजदूरों के बीच बांटी खुशियां
आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र में 181 की काउंसलर देवांश प्रिया सेठी बताती हैं, ‘‘एक बार मैं टैक्सी से जा रही थी तो दो बच्चे स्कूल जा रहे थे। इतनी सर्दी थी फिर भी बेचारे स्वेटर नहीं पहने थे। हमको अजीब सा लगा, तभी से हमने मन बना लिया था कि सर्दी में गरीब बच्चों को गर्म कपड़े बांटेंगे। हमने अपनी सैलरी से नए कपडे़ खरीदकर बांटे हैं।’’
आशा ज्योति केंद्र में तैनात महिला कांस्टेबिल संध्या सिंह गहलोत बताती हैं, ‘‘मैंने कन्नौज में गरीब बच्चों को देखा तो मेरा मन कपड़े बांटने का हुआ। सैलरी से खरीद कर कपडे़ बांटे।’’
181 की काउंसलर श्रद्धा सिंह भदौरिया कहती हैं कि ‘‘मुझे आज बहुत अच्छा लगा। इससे पहले लखनऊ में भी एनजीओ के माध्यम से गरीब बच्चों को कपडे़ बांटे हैं।’’
बच्चे बोले, गर्म कपड़े मिले तो अच्छा लगा
निवाजीपुर के सावित्री ईंट भट्टा पर कपड़ा मिलने के बाद छह साल की चांदनी बोली, ‘‘गर्म कपड़े नहीं थे। आज तक किसी ने यहां गर्म कपड़े नहीं बांटे। कपड़े पाकर बहुत अच्छा लगा।’’ आठ साल की रूद्धा बताती हैं कि ‘‘मेरे पास गर्म कपड़े नहीं थे। अब मिल गए अच्छा लग रहा है।’’ नौ साल के सुभांश ने बताया कि ‘‘ठीक लग रहा है गर्म कपड़े मिल रहे हैं। सर्दी लग रही थी, हम लोगों के पास गर्म कपड़े नहीं थे।’’
इन्होंने किया सहयोग
कन्नौज चाइल्ड लाइन के तौशी फ, ग्वाल मैदान निवासी सोनू मिश्र, योगेश मिश्र, पवन सैनी, मोहम्मद तारिफ, तिर्वा के दुर्गानगर निवासी सुमित श्रीवास्तव व जलालाबाद के अजय द्विवेदी उर्फ सोनू आदि।