लखनऊ। बसपा भले ही इंकार कर रही हो कि टिवटर पर विपक्षी एकता को दर्शाने वाला पोस्टर उनकी ओर से जारी नहीं किया गया है मगर इसको सिरे से नकारा भी नहीं जा रहा है। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र इस पोस्टर को नकार रहे हैं तो वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने बाकायदा रिट्वीट कर के कहा कि बहन जी के नेतृत्व में विपक्षी एकता का एक महागठबंधन संभव है।
जिस ट्वीटर अकाउंट को बीएसपी अधिकृत नहीं बता रही है, वह भले ही बसपा की ओर से अधिकृत न हो, मगर ट्वीटर ने इस अकाउंट को वैरीफाई किया है। बसपा के समर्थक इस खाते को संचालित कर रहे हैं, जिसमें कहीं न कहीं बसपा की आईटी सेल भी जुड़ी हुई है। सत्ता के गलियारों में ये पोस्टर इस बात का इशारा बताया जा रहा है कि मायावती को अगर 2019 में “पीएम कैंडीडेट” घोषित किया जाए तो वे इस महागठबंधन में जरूर शामिल हो सकती हैं।
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बीएसपी नाम से एक वैरीफाई ट्वीटर अकाउंट में एक पोस्टर रविवार को साझा किया गया। इस पोस्टर में प्रमुख रूप से मायावती को नेता प्रदर्शित किया गया, जबकि नीचे अखिलेश यादव, लालू यादव, तेजस्वी यादव, सोनिया गांधी और ममता बनर्जी को दिखाया गया। इस ट्वीट को बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने रिट्वीट भी किया था। मगर सोमवार को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने इस पोस्टर को बीएसपी का अधिकृत नहीं बताया।
मगर बीएसपी सूत्रों का कहना है कि ये पोस्टर बाकायदा एक रणनीति के तहत वायरल किया गया है। 27 अगस्त को पटना में लालू यादव एक रैली कर रहे हैं, जिसमें यूपी से अखिलेश यादव के भाग लेने की पूरी उम्मीद की जा रही है। बंगाल से ममता बनर्जी ने भी हामी भर दी है। इसमें मायावती अगर शामिल होती हैं तो वास्तविकता में एक महागठबंधन शक्ल लेता हुआ दिखाई देगा। इसी वजह से बसपा की ओर से संकेत दिये जा रहे हैं अगर मायावती को बतौर मुख्य नेता इस गठबंधन में शामिल किया जाएगा तभी वे इसमें आने पर विचार करेंगी।
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भाजपा विरोधी गठबंधन के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती की शर्त है कि उनको ही पीएम कैंडीडेट चुना जाए। अखिलेश यादव, ममता, लालू, तेजस्वी और बीजू पटनायक जैसे नेताओं को उनके उनके प्रदेशों तक ही सीमित रखने की शर्त माया की ओर से रख दी गई है। जिसके बाद ही 27 अगस्त को लालू की रैली में मायावती शामिल होंगी।
परिवार का विकास करने वाले आज एक नाव पर सवार होने जा रहे हैं : मनीष शुक्ला
भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष के एक होने की रणनीति पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछड़ों और दलितों पर राजनीति कर अपना और अपने परिवार का विकास करने वाले आज एक नाव पर सवार होने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को लूटने वालों को आज योगी सरकार में हो रहा विकास और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाये जा रहा ठोस कदम नहीं पच रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने बसपा द्वारा जारी पोस्टर पर चुटकी लेते हुए कहा कि देश की जनता के दिलों की धड़कन बन चुके यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी को रोकने के लिए बसपा, सपा, कांग्रेस और राजद एक होने की जुगत में लगे हैं, लेकिन उन्हें यह नही पता कि जनता के बगैर उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो सकती। जनता ने कभी देश पर राज करने वाली कांग्रेस को 50 सीट के नीचे पहुंच दिया है। सपा पांच तो बसपा के पास एक भी सीट नहीं है। जनता के इस जवाब को भी नहीं समझ पाना बड़ी भूल है। समूचे विपक्ष की नीतियों और उनकी सरकारों में हुए भ्रष्टाचार से जनता आजिज आ चुकी थी। मोदी सरकार के तीन साल और प्रदेश में योगी सरकार के 5 माह के कार्यकाल में जनता का भरोसा सातवें आसमान है।