मेरी पहली नियुक्ति साल 2018 मॉडर्न प्राइमरी स्कूल अफजलपुर पट्टी, रामपुर में हुई थी, मेरे लिए ये बहुत ही नया था, लेकिन बच्चों के साथ कब जुड़ गए पता ही नहीं चला, लेकिन कुछ ही समय में जब स्कूल हिन्दी मीडियम से इंग्लिश मीडियम में बदल रहा था, फिर मैंने इग्जाम दिया और मैं 2019 में प्राइमरी स्कूल कोइरी में आ गई।
बच्चों के साथ तो मेरा हर पल खास होता है जो कभी-कभी हम कैमरे में कैद नहीं कर पाते, लेकिन जब हम क्लास में होते हैं, सभी बच्चे जितना मज़े के साथ पढ़ते हैं, उतना ही मैं भी बच्चों को मज़े के साथ पढ़ाती हूँ। श्रेयांश क्लास 2 में पढ़ता है, जोकि स्पेशल चाइल्ड है, उसे लिखने और बोलने में थोड़ी परेशानी होती थी, लेकिन अभी काफी सुधार आ चुका है।
पहले श्रेयांश को बोलने और लिखने में काफी परेशानी होती थी, लिखने में अभी उतना परफेक्ट तो नहीं है , लेकिन श्रेयांश में अब काफी बदलाव आया है। पहले पढ़ने बोलने लिखने में बहुत ही ज़्यादा परेशानी थी, लेकिन अभी जब भी मैं उसे पढ़ाती हूँ, तो उसकी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देती हूँ, क्या लिख रहा है, क्या बोल रहा हैं, क्या पढ़ रहा है, मैं उसे हमेशा अपने सामने बैठाती हूँ, जिससे उसकी जो चीजें हो उस पर मेरी नज़र रह सके।
पहले श्रेयांश पीछे बैठ कर अपनी कॉपी फाड़ देता था या फिर किसी दूसरे स्टूडेन्ट के साथ लड़ाई करता, लेकिन अब आगे बैठने से उसमें काफी बदलाव आया है। अब वो पढ़ाई पर ध्यान देता है। मैं हर रोज़ उसका होमवर्क चेक करती हूँ, इसलिए श्रेयांश हमेशा अपना होमवर्क पूरा करके ही आता है चाहे वो पूरा सही हो ये ज़रूरी तो नहीं, लेकिन श्रेयांश कोशिश करता है ।
अब क्लास में कोई भी सवाल करो तो सबसे पहले श्रेयांश का हाथ ऊपर उठता है, इसलिए मैं हमेशा श्रेयांश को गुड या फिर वेरीगुड जैसी शाबाशी देती हूँ, जिससे उसे लगता है कि उसे हर बार और अच्छा करना है।
आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें connect@gaonconnection.com पर भेजिए
साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।