‘जब मेरे पढ़ाए बच्चे का एडमिशन एमबीबीएस में हुआ, उस दिन लगा मेरा टीचर बनना सफल हुआ’

अनुराधा भारद्वाज उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के प्राथमिक विद्यालय महुआ खेड़ा में प्रधानाध्यापक हैं, उनके स्कूल का एक बच्चा आज एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है, अनुराधा टीचर्स डायरी में अपना अनुभव साझा कर रहीं हैं।
Teacher'sDiary

मैं हमेशा से बच्चों के लिए कुछ नया करना चाहती थी, बच्चे स्कूल आने में थोड़ा परेशान करते थे, लेकिन अब स्कूल से जाना नहीं चाहते, जब मैं हाथरस में प्राथमिक विद्यालय कथारा जहाँगीरपुर में थी तब एक बच्चा राजेन्द्र था जो पढ़ाई में बहुत अच्छा था और क्लास में मेरे साथ बैठकर पढाई करता था । स्कूल के अच्छे बच्चों में उसकी गिनती होती थी। स्कूल से निकलने के बाद उसका एडमिशन नवोदय में हो गया था।

कुछ समय बाद मेरे पास एक लड़का मिठाई का डिब्बा लेकर आया उसने बताया राजेंद्र ने नीट क्लियर कर लिया और उसका एडमिशन चेन्नई में एमबीबीएस में हुआ है।

ये सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा, मैंने राजेंद्र कुमार से बात करनी चाही तो पता चला उसके पास फोन नहीं है, और राजेन्द्र पढ़ाई के लिए चेन्नई जा भी चुका है, फिर मैंने उसके मम्मी पापा से बात की तो मुझे बताया गया कि मुझे बहुत याद करता हैं राजेंद्र।

मेरे स्कूल की एक सह अध्यापक कविता यादव और मैंने मिलकर स्कूल में खुद के पैसों से हमने 32 इंच की टीवी लगाया, जिसे देख कर बच्चे बहुत ख़ुश हुए थे, जो अलग ही सुकून देता है। अब बच्चे टीवी के ज़रिए भी पढ़ते हैं।

इसलिए मैं बच्चों के लिए हमेशा कुछ न कुछ करती रहती हूँ, जिससे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा चीज़ें स्कूल में उपलब्ध हो जाएँ और बच्चों को कुछ सीखने को मिले।

स्कूल में स्पोर्ट्स से जुड़ी बहुत सारी चीज़ें हैं। सामुदायिक सहभागिता समूह से जुड़ कर भी बच्चों के लिए कुछ न कुछ नया करते रहते, जिससे बच्चों को किसी भी चीज की कमी न महसूस हो।

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें connect@gaonconnection.com पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।

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