गाँव कनेक्शन ने लॉन्च की मासिक ई-मैगज़ीन, टीचर कनेक्शन

टीचर कनेक्शन, गाँव कनेक्शन की एक पहल है, जो शिक्षकों की ज़िंदगी, उनकी उपलब्धियों और चुनौतियों को ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट माध्यम से सामने ला रही है। मासिक ई-मैगजीन भी टीचर कनेक्शन मुहिम का एक हिस्सा है।
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गाँव कनेक्शन ने टीचर कनेक्शन मासिक ई-मैगज़ीन की शुरूआत की है, ई-मैगज़ीन हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। ई-मैग्ज़ीन खासकर के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के शिक्षकों पर केंद्रित है।

फ्री-टू-डाउनलोड ई-मैग्ज़ीन में उत्तर भारत में लद्दाख और कश्मीर से देश के दूर-दराज के इलाकों और पश्चिम में राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों से लेकर ग्रामीण उत्तर प्रदेश के दूरदराज के गाँवों के शिक्षकों की कहानियां हैं। सीखने को मज़ेदार बनाने के लिए शिक्षण के लिए इसमें ओपन सोर्स सामग्री भी उपलब्ध है।

“टीचर कनेक्शन गाँव कनेक्शन की एक नई पहल है, जिसमें हर दिन शिक्षकों की कहानियों, उनकी उपलब्धियों और चुनौतियों को ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट फॉर्मेट के माध्यम से दर्ज किया जाता है। मासिक ई-मैग्ज़ीन, टीचर कनेक्शन, भी इसी अभियान का एक हिस्सा है, “गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा ने कहा।

मासिक ई-मैग्जीन का इनॉगरल अंक आज लॉन्च किया गया और यह गाँव कनेक्शन की वेबसाइट www.gaonconnection.com पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

“अगर आप एक शिक्षक हैं तो गाँव कनेक्शन की वेबसाइट पर जाएं और हमारे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनें। अपनी कहानियों को हमारे साथ साझा करें, क्योंकि ये कहानियां दूसरे शिक्षकों और समाज को प्रेरित  करने का जरिया बनेंगी, ”मिसरा ने कहा।

लगभग 9.7 मिलियन प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शिक्षक भारत की शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं, जिसमें 1.5 मिलियन स्कूल और 248 मिलियन छात्र ग्रेड 1 से ग्रेड 12 तक नामांकित हैं।

यह डेटा यूनेस्को द्वारा प्रकाशित नो टीचर, नो क्लास: स्टेट ऑफ द एजुकेशन रिपोर्ट फॉर इंडिया 2021 में प्रलेखित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 84 प्रतिशत स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। देश में लगभग 69 प्रतिशत स्कूल विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं जो लगभग 51 प्रतिशत शिक्षण कर्मचारियों को रोजगार देते हैं।

गाँव कनेक्शन की मैनजिंग एडिटर निधि जम्वाल ने कहा, “हमारे विशाल देश के दूर दराज़ गाँवों में लाखों शिक्षक मुश्किलों का सामना करते हुए भी बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यह शिक्षक फ्रन्टलाईन वर्कर्स की तरह हैं जो मीडिया की नज़रों से दूर, चुप चाप राष्ट्र निर्माण का करते चले आ रहे हैं। हमारी यह ई-मैगज़ीन उन सभी शिक्षकों को समर्पित है।”

विश्व स्तर पर, संयुक्त राष्ट्र द्वारा 17 एसडीजी (सतत विकास लक्ष्यों) में शिक्षकों की भूमिका को मान्यता दी गई है। एसडीजी 4 के अनुसार: ‘समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करें और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा दें’।

जम्वाल ने कहा, “यह ई-मैग्जीन शिक्षकों के अमूल्य योगदान को पहचानने का एक प्रयास है और टीचर कनेक्शन प्रोजेक्ट और मासिक ई-पत्रिका के माध्यम से हम हर दिन शिक्षकों का जश्न मनाएंगे।”

टीचर कनेक्शन ई-मैग्ज़ीन को मुफ्त डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।

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