11 साल की मीनाक्षी के लिए कौशलेश मिश्रा का स्कूल अब घर की तरह है, उसे डांस बेहद पसँद है तभी तो वो इस शौक को यहाँ पूरा करती है।
वे कहती हैं, “बाकी टीचर्स से ज़्यादा सर की क्लास में मज़ा आता है। सर के साथ तीन साल से पढाई कर रही हूँ। सर हमें डांस सिखाते हैं साथ खेलने में भी बहुत अच्छा लगता है। पहले किसी के सामने डांस करने में शर्म आती थी, अब तो भीड़ के सामने भी डांस कर सकती हूँ।” मीनाक्षी पाँचवीं क्लास में पढ़ती हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 80 किलोमीटर दूर रायबरेली में प्राथमिक विद्यालय भवानीदीनपुर, मुरामऊ ऊंचाहार के बच्चे अब हर रोज़ यहाँ मस्ती और धमाल करते करते हैं, करें भी क्यों नहीं उनके सर दोस्त जैसे जो हैं।
ये एक ऐसा स्कूल है जहाँ बच्चे टीचर के साथ मिलकर डांस करते हैं, क्रिकेट खेलते हैं और चुटकियो में गणित के सवाल भी हल करते हैं, तो यहाँ कौन सा बच्चा नहीं आना चाहेगा भला ?
अभी पिछले कुछ दिनों से इनके डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है।
29 साल के कौशलेश मिश्रा एमबीए करना चाहते थे, लेकिन आज बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वायरल वीडियो के बारे में वो बताते हैं, “13 अगस्त को जब हम बच्चों को स्वतंत्रता दिवस की तैयारी करा रहे थे उसी दिन का वीडियो है। ऐसा नहीं है कि पहली बार ऐसा कोई वीडियो बनाया था, बहुत से वीडियो फेसबुक पर अपलोड किए हैं। हमारे यहाँ के विधायक उमेश द्विवेदी जी को वो वीडियो अच्छा लगा और उन्होंने उसे शेयर कर दिया, फिर वो सिलसिला अभी तक ज़ारी है।”
#TeacherConnection ये हैं रायबरेली के मुरारमऊ प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कौशलेश मिश्रा, जिनका बच्चों के डांस सिखाने का वीडियो वायरल हो रहा है,
जल्द मिलाएंगे कौशलेश और उनके स्कूल के बच्चों से https://t.co/X3cGjvBW3J pic.twitter.com/lM56GEYZHi
— GaonConnection (@GaonConnection) August 27, 2023
वो आगे कहते हैं, “दूर-दूर से लोग फोन और मैसेज कर रहे हैं, अच्छा लग रहा कि लोगों को मेरे पढ़ाने का तरीका पसंद आ रहा है।
कौशलेश को बचपन से ही डांस करना अच्छा लगता है, वे बताते हैं, “शुरू से ही डांस करना पसंद था, इसमें मेरे पापा ने मेरा पूरा सहयोग किया। लोगों की मानसिकता होती है कि लड़के डांस नहीं करते हैं, लेकिन मेरी फैमिली ने हमेशा से मेरा सपोर्ट किया। आज वही कला बच्चों को सिखा रहा हूँ।”
साल 2020 को कौशलेश की नियुक्ति हुई, इससे पहले वो अपने पिता और भाई के साथ इंदौर में रहते थे। ” इंदौर में पापा की जॉब थी, मैं एमबीए करना चाहता था, लेकिन मेरे पापा चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे और पैतृक गाँव ज़रूर जाए। इसलिए मैं यहाँ आ गया, लेकिन मेरे आने के छह महीने के बाद उनका देहांत हो गया। उन्होंने मुझे डांस सीखने का मौका दिया था, इसलिए उनके सपने के लिए आज मैं बच्चों के साथ डांस करता हूँ, “उन्होंने आगे कहा।
कौशलेश बच्चों को डांस के ज़रिए पढ़ाते हैं। वो कहते हैं, “जब बच्चों को मैं डांस सिखाता हूँ, तो इसी माध्यम से उन्हें गिनती भी याद हो जाती है। मैं बोलता हूँ कि 10 स्टेप करो तो इस तरह से उन्हें गिनती अपने आप याद हो जाती है। उन्हें पढ़ाने की ज़रूरत नहीं पड़ती वो स्टेप के साथ साथ खुद सीख जाते हैं कि सर ने इस तरह बताया है।”
बच्चे जब छोटे होते हैं, स्कूल आने से डरते हैं। “मैं जब छोटा था तब मुझे मैथ से बहुत डर लगता था , मैथ मुझे सबसे डरावना सब्जेक्ट लगता था, लेकिन मैं चाहता हूँ, मेरे बच्चों में कोई डर न हो अगर मैथ में त्रिभुज है, तो उसे आसान बना कर त्रिभुज यानी समोसा और ऐसी चीजों से जोड़कर बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करता हूँ, “कौशलेश ने आगे कहा।
बच्चों के माता-पिता के साथ कौशलेश मीटिंग करते रहते हैं। वो कहते हैं, “बच्चों के माता पिता के साथ मीटिंग होती है, उनके बच्चों में बदलाव के बारे पूछता हूँ, तो उनका कहना होता है कि बच्चे दिन भर आपका ही नाम लेते हैं। सर ने ये बताया सर ने वो बताया और उनकी माँओ का मानना हमारे बच्चे में बहुत बदलाव आया है।”
कौशलेश बताते हैं, “बच्चे शुक्रवार शनिवार नहीं आते थे, उससे उन्हें संडे के बाद दो दिन की छुट्टी मिल जाती थी, स्कूल की ऐसी चीज़ें मुझे बदलनी थी। इसलिए उन्हें मैंने डांस, सिंगिंग, एक्टिंग, पेन्टिंग, क्रफ्टिंग, ऐसी चीज़ों में डालना शुरू किया जो हर शनिवार के दिन होती है। फिर धीरे-धीरे शनिवार वाली छुट्टी बच्चों ने ख़त्म कर दिया वे खुद स्कूल आने लगे ,अभी बच्चों की संख्या 82 हैं।”
10 साल के अभिषेक पाँचवीं कक्षा में पढ़ते हैं। उन्हें डांस के साथ ही पेंटिंग करना भी अच्छा लगता है। वो बताते हैं, “सर ने डांस के साथ मुझे पेंटिंग भी सिखाया हैं, मुझे पेंटिंग करना बहुत पसंद है हम साथ डांस भी करते हैं, खेलते हैं, सर के साथ बहुत अच्छा लगता है।”