प्रतापगढ़ में बढ़ रहा अपराध का ग्राफ

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प्रतापगढ़। जिले में अपराध का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बीते डेढ़ महीने में एक दर्जन से भी ज्यादा हत्याएं हुई हैं, अब वो दिन दूर नहीं जब प्रतापगढ़ का नाम बदल कर अपराधगढ़ रख दिया जाएगा। हत्या, लूट, बलात्कार जैसे घटना यहां के लिए आम बात हो गयी है। हत्या, बलात्कार जैसी घटनाओं के ज्यादातर आरोपी पकड़े ही नहीं जाते, जो पकड़े जाते हैं, कुछ ही दिनों में बाहर आ जाते हैं।

पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की वजह से जिले के पूर्व डीएम और एसपी को भी निलंबित होना पड़ा था। संग्रामगढ़ के रामनगर में पूर्व प्रमुख की गाड़ी जलाने, आमीपुर में बूथ लूटने की घटना पर गंभीर रूप अख्तियार करते हुए चुनाव आयोग ने डीएम, एसपी, एसडीएम कुंडा, लालगंज सीओ, संग्रामगढ़ एसओ को निलंबित कर दिया गया था। प्रतापगढ़ के नए पुलिस अधीक्षक (एसपी) माधव प्रसाद वर्मा ने 12 दिसंबर को जिले की कमान संभाली उसके बाद भी कई बड़े अपराध हुए।

माधव प्रसाद वर्मा जिले में बढ़ रहे अपराध के बारे में कहते हैं, “मुझे यहाँ आए अभी सात दिन ही हुए हैं, हमारी कोशिश रहेगी की अपराध कम हों। इसके लिए प्रयास भी शुरू हो गया है। जिले के सभी थानों और चौकियों के थानाध्यक्ष और प्रभारियों को बुला कर मीटिंग की जा रही है, उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा है। एसपी आगे बताते हैं, “कई अपराधियों को पकड़ा भी जा चुका है, जिन पर हमें शक था। अब तक 12 अपराधी पकड़े जा चुके हैं। जितनी भी बिना नंबर की गाडिय़ाँ चल रही हैं उन्हें पकड़ा जा रहा है, ज्यादातर अपराध इन्हीं गाडिय़ों से होता है। बुधवार रात में कई गाडिय़ों को पकड़ा गया।”

प्रतापगढ़ के बारे में कहा जाता है कि यहां पर नेताओं की चलती है। इस बारे में एक पुलिस अधिकारी कहते हैं, “जिले में आम आदमी ही नहीं पुलिस वाले भी डरते हैं।” कुंडा थाना में नियुक्त एक पुलिसकर्मी नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं, ”प्रतापगढ़ में पुलिस या तो कुछ बड़े लोगों के आगे पीछे घूमे या फिर अपना ट्रांसफर करवा ले, ज्यादातर मामलों में अपराधियों के बारे में सबको पता रहता है, लेकिन फिर भी चुप रहते हैं।” वो आगे बताते हैं, “कई पुलिस वालों का मर्डर इन्हीं सब मामलों में हो चुका है।”

ये हुई घटनाएं

कुंडा तहसील के हेम का पुरवा गाँव की कल्पना (15 वर्ष) ने छेडख़ानी का विरोध किया तो उस पर बाइक चढ़ाकर मार दिया। 

लालगंज के सरायसंग्राम सिंह गाँव के शराब कारोबारी देशपति पटेल (40 वर्ष) को घर के सामने ही पीट कर मार दिया गया। 

पंचायत चुनाव में बूथ लूटने से मना करने पर मानिकपुर के कुसाहिल बाजार में सिपाही को गोली मार दी गयी। 

आसपुर देवसरा के कबीरपुर गाँव में मतदान के दौरान चली गोली में अशोक यादव घायल हो गये, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। 

हथिगवां के सरैंया परवेजपुर गाँव के सुनील (22 वर्ष) को घर से बुलाकर गोली मार दी गयी।

अमेठी के सीएचसी अधीक्षक डॉ. प्रभात कुमार सिंह को प्रतापगढ़ के चिलबिला क्रासिंग के पास गोली मार दी गयी। 

कुंडा के आलापुर गाँव के सपा नेता रमाशंकर यादव (55 वर्ष) को उनके घर के सामने ही गोली मार दी गयी। 

सदर निवासी कृष्णदत्त पाण्डेय को गजेहड़ा में बस से खींच कर गोली मार दी गयी।

ये सारी घटनाएं नवंबर से दिसंबर के बीच की हैंए इनके अलावा भी ऐसी कई घटनाएं हुई।

आंकड़े

वर्ष 2014 में जनवरी से दिसंबर तक 71 हत्याएं हुईं, जिनमें से अब तक छह मामलों में ही बात आगे बढ़ी, बाकी 65 अब भी लंबित हैं।

वर्ष 2015 में नवंबर तक 55 हत्याएं हुईं है।

पिछले 15 दिनों में एक दर्जन से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं इसमें अधिकांश में गोली मार कर हत्या की गयी है।

जानलेवा हमले में भी हुई वृद्धि 

वर्ष 2014 में 148 मामले दर्ज हुए थे। 

इस साल नवम्बर तक 125 मामले दर्ज हुए थे। 

दिसंबर के आंकड़े भी जोड़ लिए जाए तो पिछले वर्ष के मुकाबले और बढ़ जायेगी।

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