हैदरगढ़ (बाराबंकी)। नगर पंचायत हैदरगढ़ के दशहराबाग वार्ड मे स्थित तहसील क्षेत्र के इकलौते गुरुकुल संस्कृत माध्यमिक विद्यालय अपनी पहचान खोता जा रहा है। 50 वर्षों से संचालित होने वाले इस विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। और विद्यालय की जमीन पर भूमाफिया अवैध निर्माण करा रहे है। क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर विद्यालय के अस्तित्व को बचाने की मांग की है।
वर्ष 1962 में हैदरगढ़ कस्बे के निवासी स्व. महादेव त्रिपाठी ने अपनी निजी जमीन दान मे देकर उस जमीन पर क्षेत्र के इकलौते श्री गुरुकुल संस्कृत माध्यमिक विद्यालय की स्थापना हुयी थी उस समय इस विद्यालय के प्रबन्धक स्व. महादेव त्रिपाठी बने थे, क्षेत्रीय लोगों के जन सहयोग से धीरे-धीरे विद्यालय की ख्याति दूर तक फैल गयी और उस समय संस्कृत की पढ़ाई के लिए यह विद्यायल नम्बर एक बन गया इसके बाद स्थानीय शिक्षकों ने मेहनत करके विद्यालय को शासन स्तर से भी मान्यता भी दिलवाई। मान्यता मिलने के बाद स्थानीय शिक्षकों धीरे-धीरे शिक्षा क्षेत्र से दूर होने लगे और विद्यालय का पतन शुरू हो गया। पहले जहां विद्यालय में बच्चों की संख्या हजारों में होती थी वहीं वर्तमान मे गिने चुने बच्चे ही शिक्षा ग्रहण कर रहे है।
आज विद्यालय के यह हालात है कि शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण इकलौता विद्यालय अपनी पहचान खोता जा रहा है। विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। हलात यह है कि बच्चे और शिक्षक भवन के अन्दर पढ़ने और पढ़ाने से मना कर रहे हैं। विद्यालय भवन इतना जर्जर बना हुआ है कि कभी भी भवन गिर सकता है। विद्यालय भवन की जमीन पर स्थानीय भू माफियाओं की नजरें लगी हुईं है और दबंगई की दम पर भवन की कीमती जमीन पर अवैध निर्माण करा रहे हैं।
इतना ही नहीं विद्यालय भवन की चहरदीवारी न होने के कारण जानवर भवन के आस-पास घूमते हैं। कुल मिलाकर क्षेत्र का इकलौता संस्कृत विद्यालय का अस्तित्व खतरे में है। इस विद्यालय में तब से शिक्षा का कार्य शुरू हुआ तब से आज तक इसमें कई घोटाले भी हुए हैं। इस विद्यालय मे कौन-कौन शिक्षक नियुक्त है कोई नहीं जानता है। क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से इकलौते संस्कृत विद्यालय की बचाने की गुहार लगाई है। इस सम्बन्ध मे जब सहायक बेसिक शिक्षाधिकारी हैदरगढ़ से वार्ता की गई तो उनका कहना था कि मैंने कई बार शासन को पत्र लिखा है। अगर शासन से पैसा आता है तो भवन का निर्माण कराया जायेगा।
रिपोर्टर – सतीश कश्यप