गाँव कनेक्शन नेटवर्क
नई दिल्ली। “हमें भारत से नहीं बल्कि भारत के अन्दर आजादी चाहिए“, देशद्रोह के आरोप में 21 दिनों तक जेल में बंद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा। गुरुवार की शाम कन्हैया को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया।
कन्हैया को जमानत मिलने से जेएनयू में जश्न का माहौल है। कन्हैया के बाहर आते ही समर्थकों में फिर जश्न शुरू हो गया। रिहा होने के बाद जेएनयू में छात्रों को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि मैंने कुछ भी राष्ट्रविरोधी नहीं कहा, मुझे संविधान पर पूरा भरोसा है, न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। मैं लंबी लड़ाई के लिए तैयार हूं। हम उमर खालिद और अनिर्बान के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
कन्हैया ने आगे कहा कि सही को सही, गलत को गलत कहें और वही मैं कह रहा हूँ। हमें भारत से नहीं बल्कि भारत के अन्दर आजादी चाहिए।
कन्हैया ने राजनीतिक पार्टियों, आरएसएस व मीडिया पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कन्हैया ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘सबका साथ-सबका विकास’ के जुमले को भूल गए। एबीवीपी से कोई नफ़रत नहीं है, हम उन्हें दुश्मन नहीं बल्कि विपक्ष की तरह देखते हैं।
जेएनयू का हमला सुनियोजित था
कन्हैया कुमार ने कहा कि यह रोहित वेमुला आन्दोलन को दबाने के लिए एक सुनियोजित हमला था। लोग यह भूल गए शायद कि जब भी कभी देश की सत्ता का अत्याचार बढ़ा, जेएनयू से उसके खिलाफ़ में आवाज उठी है।
और क्या कहा कन्हैया ने
इस बार पढ़ा कम, झेला ज्यादा।
पीएम से भारी वैचारिक मतभेद हैं।
हमारा किसान भी शहीद हो रहा है।
सीमा पर शहीद जवानों को हमारा सलाम।
लोगों को लड़ाने की कोशिश हो रही है।
भुखमरी, अत्याचार से आजादी चाहिए।
वैज्ञानिक सोच की जरूरत है।
पीएम ‘मन की बात’ करते हैं, सुनते नहीं हैं।
मेरी मां ने कहा कि हम तो अपना दर्द कहते हैं।
देश में जो हो रहा है वह खतरनाक प्रवृति है।
आप झूठ को झूठ बना सकते हैं, सच को झूठ नहीं बना सकते।
हमारा आंदोलन स्वत: स्फूर्त।
इस संघर्ष को तुम दबा नहीं पाओगे। तुम जितना दबाओगे, हम उतना खड़ा होंगे।
हम एबीवीपी, आरएसएस और भाजपा के खिलाफ जमकर खड़े होंगे।