लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं और बच्चों को संतुलित आहार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की हौसला पोषण योजना शुरू हो गई है। बाल विकास विभाग की तरफ से इस योजना के अंर्तगत अब ग्राम पंचायतों में गर्भवती महिलाओं व अतिकुपोषित बच्चों को (हॉट कुक्ड फूड) पका पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
हौसला पोषण योजना पूरे देश में 15 जुलाई से शुरू कर दी गई है। इस योजना का मकसद ग्रामीण भारत में कुपोषण को जड़ से खत्म करना है। जिले में योजना की तैयारियों के बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी, मनोज कुमार सरोज बताते हैं, ‘’जिले की हर एक ग्राम सभा में इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने की कार्ययोजना बना ली गई है। पंचायतों की सभी गर्भवती महिलाओं और अतिकुपोषित बच्चों को प्रतिदिन पका पकाया भोजन मिले, इसकी ज़िम्मेदारी ग्राम प्रधानों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दी गई है।’’
बच्चों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने वाली संस्था यूनिसेफ के मुताबिक भारत में पांच साल से कम उम्र के 20 प्रतिशत बच्चे अति कुपोषित और 48 प्रतिशत बच्चे अंडरवेट हैं यानि सामान्य से कम वजन के है।
यूनिसेफ के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कुपोषण शहरों से ज्यादा है, जिसका कारण समय से पहले होने वाले जन्म और महिलाओं को पोषण के विषय में कम जानकारी होना और खुद कुपोषित होना है। मनोज कुमार सरोज आगे बताते हैं कि इस योजना के अंतर्गत अभी तक 2,587 ग्राम प्रधानों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के संयुक्त खाते खोले जा चुके हैं।
महिलाओं और बच्चों को भोजन आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेगा। इसमें प्रति गर्भवती महिला 18 रुपए (भोजन,दूध/दही, फल) और प्रति अतिकुपोषित बच्चा 13 रुपए (भोजन, घी, फल) का खर्च आ रहा है।
इस योजना में प्रति आंगनबाड़ी केंद्र को 1800 अतिरिक्त मिलेंगे, जिसमें 1500 रुपए के बर्तन और 300 रुपए पुताई के लिए मिलेंगे।
जहां एक ओर इस योजना के माध्यम से गाँवों के कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को संतुलित पका पकाया आहार मिलेगा वहीं दूसरी तरफ आंगनबाड़ी केंद्रों को संजीवनी भी मिली है क्योंकि इसके तहत अब आंगनबाड़ी केंद्र नियमित तौर पर खोले जा सकेंगे और उनकी रंगाई-पुताई और मरम्मत भी होगी।
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क