गोमांस पर प्रतिबंध से महंगा हो सकता है दूध: सर्वे

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लखनऊ। आने वाले कुछ वर्षों में भैंस और दूध दोनों काफी महंगे हो सकते हैं। इस बढ़ोतरी की वजह भैंस के मीट का निर्यात है, जो तेजी से बढ़ा है। देश में गोमांश पर प्रतिबंध लगा हुआ है इसलिए भैसें ही बूचड़खानों में काटी जा रही हैं, इसका असर देश के दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ सकता है।

यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की हालिया जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2009 में भारत का मीट निर्यात 609 हजार टन था, जो 2014 में करीब तीन गुना बढ़कर 2082 हजार टन हो गया। हालांकि, 2015 में बीफ बैन के असर के चलते भैंस के मीट के निर्यात में मामूली गिरावट देखी गई।

2015 में मीट के निर्यात का आंकड़ा घटकर 1806 हजार टन हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक अगर इसी तरह से भैंस के मीट का निर्यात होता रहा तो देश में भैंस की संख्या में गिरावट आ सकती है, क्योंकि देश के कुल दूध उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा भैंस का दूध का होता है इसलिए दूध उत्पादन भी घट सकता है।

19वीं पशुगणना के अनुसार भारत में पशुओं दुधारु पशुओं (गाय और भैंस) की संख्या करीब 12 करोड़ है। पशुगणना के अनुसार वर्ष 2012 में भारत में भैसों की संख्या नौ करोड़ 25 लाख थी, जो 2007 के मुकाबले 7.99 फीसदी बढ़ी थी, लेकिन तब भैंसों के मीट का कारोबार इतना नहीं बढ़ा था।

उत्तर प्रदेश लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी बी एस यादव बताते हैं, ये सही है कि मीट का निर्यात पिछले सालों में बढ़ा है, इस निर्यात में लगभग 50 फीसदी हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है। लेकिन इससे दूध की ज्यादा किल्लत होगी ये नहीं कहा जा सकता, हां भैंसों की कीमतें जरूर बढ़ जाएंगी। जैसे सबसे ज्यादा बकरियों मीट में इस्तेमाल होती हैं लेकिन उनकी संख्या कम नहीं होती।“

वो आगे बताते हैं, “जिस चीज में आदमी को फायदा दिखता है उसे तवज्जो देता है। भैंस के बच्चे कभी घूमते नहीं दिखते हैं लेकिन बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा है। हां इन सबसे गायों की संख्या जरूर कम हो सकती है।”

रिपोर्ट के अनुसार भैंसों की संख्या में गिरावट 2023 से शुरू हो सकती है, जिससे देश में दूध के उत्पादन में भी भारी गिरावट आ सकती है।

  • भैंसों के मीट का निर्यात बढ़ने से कम हो सकती है भैंसों की संख्या
  • देश के कुल दुध उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा भैंसों के दूध का होता है।
  • 2014 में 2082 हजार टन हुआ भैंस के मीट का निर्यात
  • 19वीं पशुगणना के मुताबिक 12 करोड़ के आसपास हैं देश में दुधारु पशूओं (गाय-भैंस की संख्या)
  • 9 करोड़ से ज्यादा है देश में भैंसों की संख्या

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