कन्नौज/तिर्वा। गर्मियां शुरू हो चुकी हैं। परिषदीय स्कूलों में नया शैक्षिक सत्र भी एक अप्रैल से प्रारंभ हो गया है। आग की घटनाओं का भी समय इन्हीं दिनों चलता है। नौनिहाल जिनको कल का भविष्य कहा जाता है, उनके विद्या मंदिरों में आग से बचने के इंतजाम नहीं हैं। अगर कहीं अनहोनी होती है तो ऐसे में उनको दुआ ही बचा सकती है।
कन्नौज को वीवीआईपी जिले का तमगा इसलिए मिला है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव यहां से सांसद हैं। साथ ही मुख्यमंत्री यहां सीधे तौर पर विकास कार्यों आदि की मॉनीटरिंग करते हैं। वर्तमान समय में जिले में 1200 प्राथमिक स्कूल, 453 उच्च प्राथमिक स्कूल व 39 सहायता प्राप्त विद्यालय चल रहे हैं। करीब चार साल पहले परिषदीय स्कूलों में बच्चों को आग से बचाने के लिए अग्निशमन यंत्र लगवाए गए थे। अब इनका हाल बेहाल है।
इनकी सुधि लेने वाले न तो जनप्रतिनिधि हैं और न ही अधिकारी। गाँव कनेक्शन ने कुछ स्कूलों में यंत्रों की हकीकत देखी तो चौकाने वाले दृष्य सामने आए। अधिकांश स्कूलों में अग्निशमन यंत्र या तो अलमारी में रखे मिले या कबाड़ में पड़े मिले। उनको ऐसी जगह पर अब तक नहीं लगाया गया कि अनहोनी होने पर उसका सदुपयोग किया जा सके। हालांकि अधिकतर स्कूलों में लगे यंत्र उपयोग करने लायक ही नहीं बचे हैं। कारण उनकी वैद्यता ही खत्म हो गई। गैस व पाउडर ही नहीं बदले गए हैं।
क्या बोले बीएसए
बीएसए का प्रभार संभाले अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि अधिकतर स्कूलों में अग्निशमन यंत्र लगे हैं। जब उनसे पूछा कि उनकी तौ वैद्यता खत्म हो गई है तो उन्होंने पहले दिया गया जवाब अधिकतर स्कूलों में अग्निशमन यंत्र लगे हैं दोहरा दिया।
रिपोर्टर – अजय मिश्र/मो. हासिम