अपने मूल स्कूल में ही वापस जाना होगा शिक्षकों को

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बागपत। मनचाहे स्कूल में तबादला न होने से घर के नजदीक का स्कूल संबद्धीकरण के चलते लेना अब शिक्षकों को भारी पड़ने जा रहा है। उन्हें एक जुलाई से अपने मूल स्कूल में ही जाना होगा। भले ही वह स्कूल दूर-दराज क्यों न हों।

बागपत में पूर्व बीएसए के कार्यकाल में दो दर्जन से अधिक शिक्षकों के संबद्धीकरण किए गए थे जिन पर अब कार्रवाई की तलवार लटकने जा रही है। अगर फिर भी जांच पड़ताल में एक-दो शिक्षक छूट गया और वह शासन की नजरों में आ गया तो बीएसए पर गाज गिरना तय है। यही नहीं बीएसए कार्यालय व बीआरसी पर भी तैनात शिक्षकों को अब अपने मूल स्कूल जाना पड़ेगा। इससे शिक्षकों में हड़कंच मच गया है और इससे बचने के लिए जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है। 

तीन साल से जनपदीय और अंतरजनपदीय तबादलों पर रोक लगी हुई है। इस दौरान कुछ शिक्षक मनचाहे और घर के पास के स्कूल में जाने को लेकर सिफारिशों के दम पर संबद्ध करा चुके हैं। पिछले साल तत्कालीन बीएसए डॉ. एमपी सिंह के कार्यकाल में सबसे अधिक शिक्षकों का संबद्धीकरण हुआ है। इस मामले की जांच भी शासन स्तर पर चल रही है। इसके अलावा बीएसए और बीआरसी कार्यालयों पर भी शिक्षकों को अटैच कर दिया जाता है। 

जनपद में दो दर्जन से अधिक शिक्षक अपने मूल स्कूल की बजाय दूसरे मनचाहे स्कूलों में तैनाती पा चुके हैं। अब शासन ने उन शिक्षकों की मुसीबत बढ़ा दी है। बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने प्रदेश के सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों का संबद्धीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उन्हें उनके मूल स्कूल में भेजे जाएं। जो शिक्षक कार्यालयों, बीआरसी और अन्य दूसरे स्कूलों में संबद्ध कर रखे हैं उन्हें उनके मूल स्कूलों में तैनाती दी जाए। एक जुलाई से स्कूल खुलने के दौरान एक भी शिक्षक संबद्ध नहीं मिलना चाहिए।

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