फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हादसा हो गया है। रविवार रात कोड़ा जहानाबाद इलाके में गरिमा कोल्ड स्टोरेज में अचानक बड़े पैमाने पर अमोनिया का रिसाव शुरु हो गया है। आलू समेत दूसरी सब्जियों और फलों को ठंडा रखने में काम आने वाली इस गैस के सीधे संपर्क में आने से व्यक्ति में उल्टी और सांस लेने में शिकायत हो जाती है। भारी संख्या में पुलिस मौके पर है।
पढ़िए 15 मार्च को कानपुर में क्या हुआ था कानपुर में कोल्ड स्टोरेज बिल्डिंग गिरी, पांच मजदूर की मौत, दस घायल
रविवार रात कानपुर के पड़ोसी जिले फतेहपुर के जहानाबाद थाना इलाके के गरिमा कोल्ड स्टोरेज में अचानक भारी पैमाने पर आमोनिया गैस का रिसाव होने से अफरातफरी मच गई। जिस वक्त हादसा हुआ अंदर 50 के करीब मजदूर काम कर रहे थे, यूपी के दूसरे कोल्ड स्टोरेज की तरह यहां भी भारी पैमाने पर आलू रखा गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने 20-25 मजदूरों को बाहर निकाल लिया है, बाकी को निकालने की कोशिश जारी है। बताया जा रहा है रिसाव का असर दूर तक हो रहा है जिसके चलते करीब 3 किलोमीटर तक हाईवे पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। अफसरों ने आसपास के गांवों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। खबर लिखे जाने तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं मिली थी।
ये भी पढ़िए – क्षमता से ज्यादा आलू रखने से हुआ कानपुर के कोल्ड स्टोरेज में धमाका ?
कानपुर में हुआ था भीषण हादसा
इससे पहले 15 मार्च को कानपुर नगर के शिवराजपुर के कटियार कोल्ड स्टोरेज में आमोनिया गैस प्लांट में धमाका हुआ था, जिससे कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था। यहां फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और सेना की मदद ली गई थी। इस स्टोर का लाइसेंस नहीं था और हादसा क्षमता से अधिक आलू भंडारण के चलते हुआ था। जिसने कई मजूदरों की जान ले ली थी।
संबंधित ख़बर- कानपुर कोल्ड स्टोरेज हादसा: उत्तर प्रदेश में नहीं है पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज
अमोनिया का रिसाव जान पर पड़ सकता है भारी
आमोनिया के बहुत ज्यादा रिसाव होने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, और बहुत ज्यादा रिसाव पर जान भी जा सकती है। कानपुर में रामा मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि ज्यादा आमोनिया के रिसाव से सांस लेने के दिक्कत हो सकती है। कोशिश करनी चाहिए कि बिल्डिंग में जल्द से जल्द आक्सीजन का प्रबंध कराया जाए। अगर बिल्डिंग गिरी है तो टूटे हिस्सों से या बिल्डिंग में छेदकर बड़े सिलेंडर में पाइप लगाकर आक्सीजन पहुंचाई जाए।
इनपुट- राजीव शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
नीचे वीडियो में देखिए कानपुर के शिवराजपुर में हादसे के बाद कैसे चला था राहत और बचाव कार्य।