उन्नाव/लखनऊ। जिला उन्नाव के कंजी कस्बे में रहने वाले सुरेश (काल्पनिक नाम) को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का नौवां संस्करण भा रहा है। अपनी मनपसंद टीम दिल्ली डेयरडेविल्स पर लगाए 100 रुपए के सट्टे के बदले सुरेश ने हज़ार रुपए जीते हैं।
सुरेश बताते हैं, ‘’दिल्ली डेयरडेविल्स के कुल स्कोर में हमने आखिरी संख्या का अंक (दो) बताकर सट्टा लगाया था। पारी खत्म होने के बाद दिल्ली ने राइजि़ंग पुणे के खिलाफ 162 रन बनाए, जिससे हमें 100 रुपए के बदले 1000 रुपए मिल गए।’’
अपना वास्तविक नाम न छापने की शर्त पर वो आगे बताते हैं कि पूरे उन्नाव में सिर्फ कंजी में ही नहीं, गांधीनगर व आवास-विकास कालोनी में 100 रुपए से लेकर 50 हज़ार रुपए तक का सट्टा लगता है। ये सब पुलिस से छिपा कर करते हैं।
करोड़ों लोगों के दिलचस्प खेल क्रिकेट के नाम पर इन दिनों लाखों का खेल खेला जा रहा है।आईपीएल सीजन नौ के हर मैच में देश के बड़े महानगरों के अलावा अब शहरों व छोटे कस्बों में सटोरियों के अच्छे दिन वापस आ गए हैं। शहर में सट्टेबाजी का जाल लगभग हर गली व मोहल्ले तक फैल चुका है।
प्रदेश में बढ़ रहे आईपीएल सट्टेबाजी के जाल के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, लखनऊ राजेश कुमार पांडे बताते हैं, ‘’प्रदेश में सबसे ज़्यादा सट्टेबाजी के मामले पश्चिमी यूपी के मेरठ व गाजि़याबाद जैसे जिलों के सामने आए हैं। हाल ही में इलाहाबाद व वाराणसी जिलों में कई सट्टेबाजी गिरोह पर कार्रवाई की गई है।”
मेरठ जिले में सट्टेबाजी सबसे ज़्यादा तीन थाना क्षेत्रों (लालकुर्सी, सदर और नौचंदी) में होती है। इन क्षेत्रों में सट्टेबाजी इस कदर हावी है कि यहां पर आईपीएल के हर एक मैच में खेली गई बॉल और विकेट पर बोलियां लगाई जाती हैं।
इससे पहले आईपीएल सीज़न आठ में प्रवर्तन निदेशालय ने आईपीएल टी20 क्रिकेट मैचों से जुड़े सट्टेबाजी गिरोहों के खिलाफ हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई और जयपुर समेत कई जगहों पर छापे मारे थे। इसमें लाखों रुपयों की जालसाज़ी पकड़ी गई थी।
‘’सट्टेबाजी से जुड़े मामलों पर गेंबलिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। इस पर शिकंजा कसने के लिए विभाग ने स्पेशल सेल तैयार किया है, जो नेटवर्किंग व मैनुअल ट्रैकिंग के माध्यम से लगातार सटोरियों पर नज़र रखती है। फिलहाल अभी तक लखनऊ में अभी ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है।’’ राजेश पांडेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आगे बताते हैं।
सट्टेबाजों का यह जाल इतने बड़े स्तर पर फैल चुका है कि हर गेंद से लेकर हर शॉट तक पर बाजी लगाई जाती है। सट्टेबाज ज़्यादातर टीमों के अलावा एमएस धोनी, विराट कोहली, ग्लैन मैक्सवेल, क्रिस गेल व डीजे ब्रावो जैसे बड़े खिलाड़ियों पर सट्टा लगाते हैं।