उन्नाव में युवाओं ने डाला वोट, खींची सेल्फी 

उन्नाव

उन्नाव। लोकतंत्र के पर्व में युवाआें ने भी अपनी सहभागिता दर्ज कराई। बड़ी संख्या में पोलिंग बूथों पर पहुंचे युवा उत्साहित दिखे। राजनीति में अधिक दिलचस्पी न रखने वाले युवा ने मतदान के महत्व को समझते हुए अपना वोट जरूर डाला। ग्रुप में पहुंचे युवाआें ने वोट डालने के साथ ही सेल्फी भी ली और सोशल मीडिया पर भी शेयर किया। मतदान को लेकर उत्साहित युवा सुबह सात बजे से पहले ही मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे थे। बूथों के बाहर लगी लंबी कतार में खड़े युवाआें ने अपनी बारी का इंतजार किया। कतार में लगे लोगों में कोई बूथ पर सबसे पहले वोट डालने वाला मतदाता बनने को उत्सुक था तो कोई पहली बार वोट डालने के लिए काफी खुश दिखा।

अपना नेता चुनने के लिए युवाआें में रविवार को गजब का उत्साह दिखा। बड़ी संख्या में युवाआें ने मतदान केंद्रों का रुख किया और प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया। विधानसभा चुनाव में यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में युवा पोलिंग बूथ पर नजर आया। सदर बाजार निवासी अंकिता बताती हैं कि जब से वोटर कार्ड बना था तभी से पहली बार वोट डालने के लिए उत्सुकता थी। सुबह सबसे पहले वोट डालने के लिए घर से निकली। फतेहपुर चौरासी में रहने वाले सोनू कुमार रविवार को पहली दफा वोट डालने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पहली बार मत का प्रयोग कर अच्छा लग रहा है।

इनके हौसले को सलाम कहिए

उन्नाव। उम्र अस्सी साल, चलने में असमर्थ लेकिन बेटे का सहारा लेकर भगवानदीन ने लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया और अपना वोट डाला। भगवानदीन का कहना था कि अब तक वह दस विधानसभा चुनाव में वोट डाल चुके हैं। जब भी चुनाव आता है वह मतदान जरूर करते हैं। भगवानदीन की तरह ही कई एेसे लोग थे जो बिना सहारे के चल नहीं सकते। बुढ़ापे में हाथ-पांव ने साथ देना बंद कर दिया लेकिन लोकतंत्र में अटूट विश्वास का ही नतीजा था जो वह अपनों का सहारा लेकर बूथ तक पहुंचे और मतदान किया। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांग व वृद्ध लोग मतदान में किसी से पीछे नहीं रहे। कई लोग तो खुद ही बैसाखी या फिर लाठी के सहारे बूथ तक पहुंच गए और अपना वोट डाला।

नवाबगंज के मद़्दूखेड़ा में रहने वाले छोटेलाल माली की उम्र 102 वर्ष है। वह अब खड़े होकर चल नहीं पाते। घर से पोलिंग बूथ की दूरी एक किलोमीटर की है। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह पोलिंग बूथ तक पहुंच ही गए। इसी तरह फतेहपुर चौरासी के आेसिया पोलिंग बूथ में वृद्ध फूलमती अपने बेटे के साथ वोट डालने पहुंची थी। उन्होंने बताया कि इस बार तबियत ठीक नहीं थी इसलिए बेटे को साथ लेकर वोट डालने आई हैं। पाटन के बूथ संख्या 83 में अस्सी बसंत पार कर चुके रामनरेश हाथ में लाठी टेकते हुए पोलिंग बूथ तक पहुंचे थे। लाठी के सहारे मतदान केंद्र तक पहुंचे रामनरेश ने बताया कि दस बार वह विधानसभा चुनाव में वोट डाल चुके हैं। जब भी चुनाव आता है वह मतदान करते हैं।

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