स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
औरैया। ”जिन लोगों के पास फ्रिज नहीं होते हैं, उनके घर फल और खाने-पीने की वस्तुएं जल्द खराब हो जाती हैं, तो मैंने सोचा क्यों न कोई विधि ईजाद की जाए, जिससे खराब होने वाली चीजें बचाई जा सकें, यही सोच कर देशी फ्रिज का निर्माण किया जो बिना लाईट के चलेगा और हर गरीब आदमी उसे लेकर अपने घर रख सकता है।” ये कहना है गेल डीएवी के कक्षा सात के छात्र देवांश गुप्ता का।
गेल डीएवी पब्किल स्कूल गेल गाँव दिबियापुर के कक्षा सात के छात्र देवांश ने देशी फ्रिज बनाकर तैयार किया है, जो कि बिना बिजली के चलने वाला फ्रिज है। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी संचार परिषद भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के द्वारा देवांश का चयन किया गया है।
देसी जुगाड़ : खेत हो या किचन, घंटों का काम मिनटों में करती हैं ये मशीनें, देखिए वीडियो
कौशांबी में आयोजित कार्यक्रम में जिले से चार प्रोजेक्टस सम्मिलित किये गये थे। चारों प्रोजेक्टस के ग्रुप लीडर्स ने अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। जिसमें जिले को गौरवान्वित करते हुए गेल डीएवी पब्लिक स्कूल गेल गाँव में अध्यनरत कक्षा सात के छात्र देवांश गुप्ता का प्रोजेक्ट (देशी फ्रिज) राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हुआ।
इसके अलावा दो और छात्रों का चयन बेस्ट पोस्टर अवॉर्ड के लिए राष्ट्रीय स्तर के लिए हुआ है। छात्र देवांश गुप्ता ने बताया, ”यह देशी फ्रिज बिना लाईट के चलेगा और हर गरीब आदमी उसे लेकर अपने घर रख सकता है। ये फ्रिज चार कोल का मिश्रण कर बनाया है। मेरे पापा इंजीनियर है गेल पाता में और मैं एक साइंटिस्ट बनना चाहता हूं।”
ये भी पढ़ें-औरेया के इस सरकारी स्कूल के पंखा और झाड़ू बनाने वाले बच्चे बोलते हैं इंग्लिश
देसी खाट के विदेशी ठाठ : विदेशों में 20 हज़ार रुपए तक में बिक रही एक भारतीय चारपाई
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।