अजय मिश्र/रश्मि मिश्र , कम्यूनिटी जर्नलिस्ट
कन्नौज। गांवों में रहने वाली लड़कियों की सोच बदल रही है। अभिभावक भी उनका सहयोग कर रहे हैं। गांव के स्कूल भी अब नए जमाने से तालमिला रहे हैं। स्कूलों में संगीत, सेहत और खेलकूद पर पूरा ध्यान दिया जाता है। कई स्कूलों में तो बाकायदा योग की कक्षाएं शुरु की गई हैं।
कन्नौज जिला मुख्यालय से करीब आठ किमी दूर बसे मित्रसेनपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय चल रहा है। वैसे तो जिले में पांच ‘विद्यालय’ यानि कस्तूरबा बालिका विद्यालय चल रहे हैं, लेकिन इस विद्यालय की गतिविधियां लोगों का ध्यान खींच रही हैं। यहां बालिकाओं को स्वस्थ्य रहने के लिए एक घंटे की मशक्कत कराई जाती है, जिससे छात्राएं स्फूर्ति से लवरेज दिखती हैं। खेल शिक्षिका प्रियंका कुशवाहा की देखरेख में छात्राएं दौड़, योग और अन्य व्यायाम करती हैं। कक्षा आठ की छात्रा आरती का कहना है कि उनके विद्यालय में योग कराया जाता है, जिससे दिनभर के लिए शरीर में फुर्ती महसूस होती है।
इसी कक्षा की चेतना का कहना है कि सुबह-सुबह व्यायाम करने से दिन की शुरूआत भी काफी अच्छी होती है। कक्षा सात की अंजलि का कहना है कि करीब एक घंटे में अनलोम-विलोम, भरतिका, कपाल भारती, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, दौड़ और अन्य व्यायाम कराए जाते हैं। कक्षा आठ की निकेता ये स्कूल इसलिए भी पसंद हैं क्योंकि अब वो टीवी में दिखाई जाने वाली कसरत करती हैं। वो अब सारे आसन सीख चुकी हैं और अब अपने गांव के लोगों को भी सिखाएँगे। योग के साथ छात्राओं को सांस्कृतिक कार्यक्रम और समाज में बोलने के तौर-तरीके बेहतर ढंग से सिखाए जाते हैं। विद्यालय की वार्डेन का कहना है कि छात्राओं को हर अच्छे काम में दक्ष करना उनका प्रयास है, जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता मिली है।