महिला स्वयं सहायता समूह को मिला जिला अस्पताल का कैंटीन चलाने का ठेका

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पंकज त्रिपाठी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गाजियाबाद। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल शुरू की है। एमएमजी महिला जिला अस्पताल में ‘जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम’के तहत गर्भवती महिलाओं के खाने व जलपान की व्यवस्था की गयी है। इस बार यह काम किसी एजेंसी को न देकर स्वयं सहायता समूह को दिया गया है। लोनी ब्लाक के मंडोला गांव के ‘भारत स्वयं सहायता समूह’को यह टेंडर दिया गया। इस टेंडर के माध्यम से करीब एक दर्जन महिलाओं को रोजगार का अवसर मिला है।

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स्वतः रोजगार उपायुक्त प्रियंवदा यादव ने बताया,“ जिले में 500 से ज्यादा स्वंय सहायता समूह हैं और ज्यादातर कागजों पर ही चल रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के उददेश्य से हम लोगों ने जिले की सभी स्वयं सहायता समूहों की मीटिंग ली और उन्हे शासन के योजनाओं से अवगत कराया ।”

उन्होंने आगे बताया, “हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया जाए। उन तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंच सके इसके तहत समय-समय पर गॉव का दौरा किया जाता है। इसी के तहत इन महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को अस्ताल में भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।” भारत स्वंय सहायता समूह में बारह सदस्य हैं, जिसमें अर्चना अध्यक्ष सरिता सचिव और संतोष कोषाध्यक्ष हैं।

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अर्चना (35वर्ष) का कहना है,“ हमें बोलना भी नहीं आता था, लेकिन आज हम इस लायक हैं कि अपना खर्चा खुद उठाते हैं। हमारे स्वयं सहायता समूह को अस्पताल में भोजन और नाश्ते की जिम्मेदारी मिली है। अब हमें रोजगार भी मिल गया है।” वहीं, सरिता (40वर्ष) का कहना है,“ जब से स्वयं सहायता समूह की मीटिंग के माध्यम से जिले की महिला अधिकारियों को देखती हूं तो मेरा भी मन होता है कि कुछ ऐसा करूं जिससे मुझे भी लोग जाने। हमें गर्भवती महिलाओं की सेवा का कार्य मिला हम बहुत खुश हैं।”

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जिलाधिकारी मिनिस्ती एस का कहना है,“ महिलाओं को अत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। जिला अस्पताल में स्वयं सहायता समूह का काम सही रहा तो जिले के ब्लाक में भी इनको काम दिया जाएगा। साथ-साथ स्कूल की यूनिफार्म की सिलाई का काम भी किसी एजेंसी की जगह इन महिला स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। ”

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