अब बच्चों में कुपोषण दूर करेगा ‘शबरी संकल्प अभियान’

Malnutrition

नीतीश तोमर/स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

पीलीभीत। बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अब संयुक्तरूप से शबरी संकल्प अभियान शुरू किया है। इस कार्यक्रम के पहले चरण में उत्तर प्रदेश में पीलीभीत सहित 39 जिलों में इसकी शुरुआत हो रही है। इस योजना में कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए 24 और 27 अक्टूबर को वजन दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद पहचान किए गए कुपोषित बच्चों को शबरी संकल्प योजना के तहत उनको सहायता दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश में मातृ एवं बाल पोषण व्यवस्था में सुधार लाने एवं मातृ व बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कुपोषण से मुक्ति दिलाना जरूरी है। इसके लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से पुष्टाहार वितरण के साथ ही अन्य कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इन कार्यक्रमों के चलाने पर भी कुपोषण दूर नहीं हो पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण गरीबी है। तमाम ऐसे परिवार हैं जिनके पास दो वक्त की रोटी तक की व्यवस्था नहीं हो पाती।

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ऐसे गरीब परिवारों के कुपोषित बच्चों के लिए यूपी सरकार ने भारत सरकार के सहयोग से शबरी संकल्प अभियान शुरू किया है। इसके तहत कुपोषित बच्चों का चयन करके उनके परिवार को विभागीय योजनाओं का लाभ देकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।

इस योजना के बारे में जब पीलीभीत के जिला कार्यक्रम अधिकारी (बाल विकास) राज कपूर बताते हैं, “सरकार के शबरी संकल्प अभियान के लिए शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। जिले में 24 और 27 अक्टूबर को होने वाले वजन दिवस की तैयारियां शुरू करा दी गई हैं। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन मापने की मशीन की व्यवस्था के साथ सीडीओ स्तर से अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।”

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बच्चों का डाटा होगा ऑनलाइन

योजना के तहत पीलीभीत जिले के सभी 1960 आंगनबाड़ी केंद्रों को दो भागों अथवा ब्लॉक वार बांटकर कुछ केंद्रों में 24 अक्टूबर को तो बाकी कुछ केंद्रों में 27 अक्टूबर को बच्चों का वजन चेक कराया जाएगा। इसमें पांच साल तक के बच्चों को दो वर्गों में बांटा जाएगा। शून्य से तीन और तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाएगा। इसके बाद इसका डाटा तैयार कर ऑनलाइन किया जाएगा।

बच्चों के साथ परिवार की सूचनाएं भी होंगी संकलित

प्रदेश के 39 जिलों में चलने वाले इस अभियान में वजन दिवस में पहचान किए गए कुपोषित बच्चों की सूची के साथ ही उसके परिवार की सूचनाएं भी संकलित की जाएंगी। जिसमें माता-पिता के नाम अथवा उनका बैंक खाता एवं उनका आधार नंबर आदि शामिल रहेंगी। ताकि शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे परिवार तक बैंक खाते के माध्यम से पहुंच सके।

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