स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
अजीतमल/औरैया। पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए जिले में कंट्रोल रूम बनाया तो गया, लेकिन उसका कोई सार्थक अर्थ नहीं निकला। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। हुकुमपुर डेरा में हैंडपंप खराब हो चुके हैं। लोगों को उन घरों से पानी भरकर लाना पड़ता है, जिनके यहां सबमर्सिबल लगा हुआ है।
जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर बसे गांव हुकुमपुर डेरा के ग्रामीणों ने खराब पड़े हैंडपंपों को सही कराने के लिए प्रधान से कई बार शिकायत की, लेकिन प्रधान ने एक भी बार नहीं सुनी। गांव में हैंडपंप खराब पड़े होने की वजह से लोगों को पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। विद्युत आपूर्ति न होने पर सबमर्सिबल का भी सहारा टूट जाता है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को स्वयं और पशुओं को पानी पिलाने के लिए मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
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हुकुमपुर डेरा निवासी जगदीश कुमार (45वर्ष) का कहना है, “खराब पड़े हैंडपंप की वजह से लोगों को पीने का सही पानी नहीं मिल पा रहा है। पेयजल का संकट होने की वजह से लोगों को काफी परेशानियां खड़ी हो रही हैं।”
हुकुमपुर डेरा निवासी कुशमा देवी (33वर्ष) का कहना है, “पीने का पानी हैंडपंप खराब होने की वजह से नहीं मिल पा रहा है। गांव में लगा सबमर्सिबल ही पानी का सहारा है, अगर विद्युत आपूर्ति न हो तो वह भी नसीब में नहीं है।”
औरैया जिलाधिकारी जय प्रकाश सगर ने बताया, “ग्रामीणों के द्वारा कोई शिकायत नहीं मिली है। फिर भी अगर पेयजल की समस्या है तो वहां किसी कर्मचारी को भेजकर समस्या दूर कराई जाएगी।”
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