खेतों से खत्म हो रहा है ऑर्गेनिक कार्बन और सल्फर

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मोविन अहमद

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

रायबरेली। किसानों की उपज बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। इन दिनों कृषि विभाग के द्वारा मृदा परीक्षण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।मृदा की जांच कर किसानों को बताया जा रहा है कि उन के खेत में किस तत्व की कमी है और वह अपने खेत में उन पोषक तत्वों को डालकर अपनी भूमि को अधिक उपजाऊ भूमि बना सकें।

रायबरेली के जिला कृषि उपनिदेशक महेंद्र सिंह बताते हैं, “हमारे किसान अपने खेतों में अज्ञानतावश अंधाधुंध उर्वरक एवं पोषक तत्वों की बौछार कर देते हैं। लेकिन उनके खेत को जिस तत्व की जरूरत होती है, वह नहीं मिल पाता है, जिससे किसान की लागत बढ़ती है और लागत के अनुसार उपज नहीं मिल पाती है। इसलिए कृषि विभाग द्वारा मृदा परीक्षण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे किसान अपने खेत में पोषक तत्वों की कमी को जानकर सिर्फ उन्हीं तत्वों का प्रयोग करें और अधिक लागत से बचे।”

वह आगे बताते हैं, “इस वर्ष हमारे पास 29 हजार ग्रिड मृदा परीक्षण का लक्ष्य है, जिसमें 14 हज़ार ग्रिड मृदा परीक्षण किया जा चुका है।

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एक ग्रिड में ढाई हेक्टेयर की भूमि मापी जाती है। मृदा परीक्षण के बाद किसानों को उनके मृदा परीक्षण के प्रमाण पत्र युद्ध स्तर पर वितरित किए जा रहे हैं।” कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसानों के घर-घर जाकर मृदा प्रमाण पत्र बांटे जा रहे हैं और किसान के प्रमाण पत्र में जिस तत्व की कमी होती है, उसके बारे में उन्हें बताया जा रहा है।

बछरावां ब्लॉक के ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर प्रदीप नारायण बताते हैं, “ मृदा परीक्षण के प्रमाण पत्र लगभग 70 प्रतिशत ग्राम सभाओं में बांटे जा चुके हैं। प्रमाण पत्र के अनुसार जिन पोषक तत्वों की कमी है, उन्हीं पोषक तत्वों का प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है।”

जिले में मिले प्रमाण पत्रों के बारे में वो आगे बताते हैं, “ हमारे ब्लॉक में अभी तक जितने भी प्रमाण पत्र आए हैं उन में 90 प्रतिशत प्रमाण पत्रों में आर्गेनिक कार्बन की मात्रा 0.46 प्रतिशत है जिस की सही मात्रा 85-90 प्रतिशत होनी चाहिए और 100 प्रतिशत प्रमाण पत्रों में सल्फर की मात्रा ना के बराबर है। जो की मृदा की उपजाऊ क्षमता के लिए बहुत ही हानिकारक है।’’

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क्या है ऑर्गेनिक कार्बन और सल्फर

कृषि विज्ञान केंद्र रायबरेली के वनस्पति विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर शैलेंद्र विक्रम सिंह बताते हैं, “आर्गेनिक कार्बन और सल्फर यह सूक्ष्म तत्व होते हैं। जो कि पौधे के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। इनकी कमी से पौधे का विकास रुक जाता है और पौधों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।”

वो आगे बताते हैं कि धीरे-धीरे पौधे की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और पौधा सूख जाता है इसलिए किसान भाई अगर अपनी मिट्टी की जांच करवा कर उसमें कम हो रहे पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाएं तो उन्हें अच्छी फसल मिल सकती है।

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