सन्तोष सिंह, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
लखनऊ। बरसात का सीजन आने में कुछ दिन ही बाकी हैं। सड़कों पर जलभराव न हो इसके लिए लखनऊ में नाले और नालियों की सफाई चल रही है, लेकिन कई जगह ऐसी भी हैं जहां नगर निगम चाह कर भी सफाई नहीं करवा पाता।
प्रदेश में योगी सरकार आते ही सरकारी जमीनों से तो कब्जे हटने लगे हैं पर नालों पर जो कब्जे हैं वो कैसे हटेंगे, ये गौर करने वाली बात है। लखनऊ के अधिकांश नाले अतिक्रमण का शिकार हैं, जिसके चलते नगर निगम चाहकर भी समय से नालों की सफाई नहीं करा पाता और बारिश के मौसम में जलभराव से लोगों को परेशानी होती है।
लखनऊ जनपद के नगर निगम जोन छह के अंतर्गत आने वाले काकोरी ब्लॉक स्थित नगरिया नाले की हालत भी कुछ ऐसी ही है। इस नाले पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। बेगरिया निवासी अवन कुमार उर्फ पप्पू (28 वर्ष) बताते हैं, “दो लाख से ज्यादा आबादी की जलनिकासी का एकमात्र साधन नगरिया नाला अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है।”
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नाले पर अतिक्रमण का मामला संज्ञान में है। अतिक्रमण के चलते नगर निगम को भी नालों की सफाई के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नाले से अतिक्रमण हटाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
बिंनो रिजवी, जोनल अधिकारी ज़ोन छह, नगर निगम लखनऊ
लोगों ने जगह-जगह नालों पर स्लैब डालकर कब्जा कर लिया है। अतिक्रमण के चलते नालों की सफाई नहीं हो पाती और बरसात में नाला भरा होने के कारण नाले का पानी उल्टा घरों में जाने लगता है।” वहीं बालागंज वार्ड के पूर्व सभासद भारत सिंह राजपूत बताते हैं, “नगर निगम अभिलेखों में नाले की चौड़ाई 60 फिट दर्ज है, लेकिन मौके पर नाला कहीं छह फिट तो कहीं आठ फिट बचा है।” नगर निगम की जोनल अधिकारी ने आश्वासन तो दिया है लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है, ऐसे वादे उसे पहले कई बार मिल चुके हैं लेकिन नाले के सफाई नहीं हुई, इस बार फिर जलभराव से जूझना होगा।
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