स्वयं डेस्क
बाराबंकी। कभी व्यापार की शान रहे बेलरहा कस्बे के घोड़ों की संख्या और मांग में कमी आ रही है। गांव कनेक्शन फाउंडेशन के स्वयं फेस्टिवल के तहत आयोजित कार्यक्रम में घोड़ों के लिए हेल्थ कैम्प लगाया गया। इसके साथ ही कृषि और बागवानी विभाग द्वारा कृषि चौपाल में आधुनिक खेती संबंधी जानकारी दी। चार स्कूलों से आए छात्रों ने भी विशेषज्ञ द्वारा कैरियर काउंसलिंग करवाई।
अश्व प्रजाति पशु कल्याण लखनऊ की ओर से पशुओं के कल्याण के लिए जागरुकता कैम्प के साथ घोड़ों के लिए हेल्थ कैम्प लगवाया गया। इस अवसर पर परियोजना प्रबंध आशीष सिंह भी शामिल रहें। ब्रुक इंडिया के सहयोग से लगे इस कैम्प में घोड़ों की जांच के साथ लगभग 12 घोड़ों का इलाज किया गया। क्षेत्र में लगभग 200 घोड़े हैं जिन्हें व्यापारी अपने व्यापार के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं लेकिन आधुनिक संसाधनों की वजह से बग्घी और तांगों की मांग में कमी आ रही है।
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