स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
मेरठ। बेसिक शिक्षा की किताबों का ज्ञान बच्चों में लगातार भ्रम फैला रहा है, नया मामला गन्ने की पैदाइश को लेकर सामने आया है। पिछले कई सालों में किताबों के लेखक यह साफ नहीं कर पाए हैं कि यह किस मौसम की फसल है।
कुछ बच्चे इसे रबी की तो कुछ खरीफ की फसल पढ़ रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि कक्षा आठ की किताबों में इसे जायद की फसल लिखा गया है। सूबे के नीति निर्धारकों का ज्ञान किस दर्जे का है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। किताबों के हिसाब से गन्ने की हालत पर गौर करें तो कक्षा चार में इसे रबी, कक्षा पांच में खरीफ और कक्षा आठ में जायद की जायद की फसल बताया गया है।
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छात्रों के लिए यह भ्रम की स्थिति वर्षों से परेशानी का सबब बनी है। उन्होंने जो फसल पहली कक्षा में रबी की पढ़ी है, वो अगली कक्षा में खरीफ की कैसे हो गई। किताबों में इसका कोई तर्क भी स्पष्ट नहीं किया गया है। दौराला ब्लाक स्थित गाँव बेहटा प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर धर्मपाल ने यह गलती पकड़ी। वह कक्षा में बच्चों को फसल चक्र पढ़ा रहे थे।
हैरानी तब हुई जब उनका ध्यान कक्षा चार की किताब के पेज पर फसल चक्र दर्शाते हुए ग्राफ पर गई। उसमें गन्ने को रबी की फसल दिखाया गया। वहीं धर्मपाल कक्षा पांच की हमारा परिवेश किताब में गन्ने को खरीफ की फसल पढा चुके थे। इसी गलती को और तलाश किया गया तो कक्षा आठ के कृषि विज्ञान में गन्ने को जायद की फसल दर्शाया गया है।
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गांव रोहटा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक राम सिंह बताते हैं,“ यह गलती अब से नहीं, बल्कि सालों से चली आ रही है। माना कि गन्ने की फसल साल में दो बार लगाई जाती है, लेकिन इसे एकरूपता देना बेहद जरूरी है। साथ ही जायद की फसल में गन्ने को शामिल करना कोई तुक ही नहीं है।” मेरठ के बेसिक शिक्षाधिकारी मो, इकबाल बताते हैं,“ वैसे गन्ने की फसल खरीफ की फसल में आती है। रबी और जायद में दर्शाने का मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कर एससीईआरटी को अवगत कराया जाएगा।”