लखनऊ। भारत में हर चौथा व्यक्ति भूखा सोता है और हर साल 30 हजार करोड़ का रुपए का खाना बर्बाद हो जाता है। बर्बाद होने वाला ज्यादातर खाना रेस्टोरेंट से होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए दो संस्थाओं ने मिलकर शहर में ऐसी मुहिम चलाई है जिससे अब रेस्टोरेंट का खाना बर्बाद भी नहीं होगा और जरूरतमंद को भोजन भी मिलेगा।
गोमतीनगर स्थित रिट्ज रेस्त्रां के सामने दो संस्थाओं लेडीज सर्किल इंडिया और राउंड टेबल इंडिया ने फूड एटीएम लगाया है। यह फूड एटीएम जरूरतमंदों के लिए हैं जो मुफ्त में खाना निकाल कर खा सकते हैं।
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रिट्ज के मैनेजर अर्जुन सिंह ने बताया, ‘लखनऊ का ये पहला रेस्त्रां है जहां पर दो संस्थाओं लेडीज सर्किल इंडिया और राउंड टेबल इंडिया की मदद से फूड एटीएम की शुरुआत की गई है। इससे कई लोगों को भूखे रहने से बचाया जा सकेगा। हम अपनी तरफ से फूड एटीएम के लिए जगह और बिजली के साथ-साथ खाना देते हैं। इसमें जो भी खाना रखा जाता है उसपर तारीख और समय डाल दिया जाता कि इतने समय तक खाना ये प्रयोग में लाया जा सकता है।’
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उन्होंने आगे बताया, ‘पहले हम बचा हुआ खाना या तो भिखारी या जरूरतमंद को देते थे या कभी इनके न मिलने पर इसे मजबूरन फेंकना पड़ता था लेकिन अब यह बर्बाद नहीं होगा। अभी तक रोज लगभग 10 लोगों को इससे खाना दिया जा रहा है। इसके अलावा बाहर से भी कोई इसमें फूड आइटम समय और तारीख डालकर रख सकता है और इस अच्छे काम में अपनी मदद कर सकता है।’
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लेडीज सर्किल इंडिया की सचिव वर्षा अग्रवाल ने बताया, ‘हम हर साल कोई न कोई मुहिम चलाते हैं। इस बार दोनों संस्थाओं लेडीज सर्किल इंडिया और राउंड टेबल इंडिया ने मिलकर फूड वेस्टिंग को रोकने के लिए एक प्रोजेक्ट चुना, इसमें रिट्स रेस्त्रां ने भी हमारा साथ दिया।’ उन्होंने आगे बताया, ‘लखनऊ में अभी आगे कई रेस्त्रां में ये प्रोजेक्ट चलाने का काम किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के द्वारा एक तो खाना जो बर्बाद होता था वो नहीं होगा और जो भूखा रहता था वो भूखा नहीं रहेगा।’
राउंड टेबल इंडिया लखनऊ के चेयरमैन मुदित अग्रवाल ने बताया, ‘हमारा फाउंडेशन कई तरह के प्रोजेक्ट करता रहता है और उसके जरिये हम गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। ज्यादातर रेस्त्रां जहां खाना बर्बाद हो जाता है उसे रोकने के लिए हम फूड एटीएम के तहत प्रयास करेंगे।’
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25.1 अनाज उत्पादन लेकिन हर चौथा आदमी यहां है भूखा
विश्व खाद्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का हर सातवां व्यक्ति भूखा सोता है। विश्व भूख सूचकांक में भारत का 67वां स्थान है। देश में हर साल 25.1 करोड़ टन अनाज का उत्पादन होता है लेकिन हर चौथा भारतीय भूखा सोता है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 23 करोड़ टन दाल, 12 करोड़ टन फल और 21 करोड़ टन सब्जियां वितरण प्रणाली में खामियों के कारण खराब हो जाती हैं। भारत में हर साल 50 हजार करोड़ रुपये का भोजन बर्बाद चला जाता है। वहीं दुनियाभर में हर वर्ष जितना भोजन तैयार होता है उसका एक तिहाई यानी लगभग एक अरब 30 करोड़ टन बर्बाद चला जाता है।