स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
मेरठ। बिना केमिकल का बायोजिन छिड़काव इस समय क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मेरठ क्षेत्र के किसान धान, मुंजी व गन्ने की फसल पर इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही खेती विशेषज्ञ गाँव-गाँव जाकर इसके इस्तेमाल की तकनीकि जानकारी भी किसानों से साझा कर रहे हैं। जिसके चलते यह छिड़काव फसलों के लिए सुरक्षा कवच बनकर सभी रोगों व बरसात में पनपने वाले कीट पतंगों से रक्षा कर रहा है। खास बात ये है कि बायोजिन छिड़काव से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता है।
बायोजिन एक ऐसा ऑर्गकनिक छिड़काव है, जो गन्ना, धान, सब्जियां, दलहन आदि फसलों को कीट इत्यादि से सुरक्षा करता है। बायोजिन तरल के साथ ही पाउडर के रूप में भी उपयोग में लिया जाता है। यह सहकारी समितियों के अलावा बाजार में भी उपलब्ध है।
डाक्टर संदीप, बायोजिन एक्सपर्ट
मेरठ ब्लॉक के गाँव फफूंडा, नरहैड़ा, जुर्रानपुर, गगौल आदि गाँवों में विशेषज्ञोंं ने किसानों को बायोजिन छिड़काव के टिप्स दिए। उन्होंने बताया, कितने पानी में कितने बूंद बायोजिन का उपयोग करना है। साथ ही किस समय पर किस-किस फसल पर यह उपयोगी है।
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किसानों को वर्कशाप के माध्यम से जानकारी देते हुए तकनीकि एक्सपर्ट डाॅ. संजीव बताते हैं, “इसके इस्तेमाल के लिए मुंह पर कपड़ा आदि लपेटने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि इस छिड़काव में कोई भी कैमिकल नहीं है, जो मनुष्य शरीर को हानी पहुंचाता हो।”
गाँव फफूंडा निवासी किसान अजब सिंह (43वर्ष) बताते हैं,“ बिना कैमिकल के छिड़काव से उसने पिछले वर्ष गन्ने की खेती में रिकाॅर्ड पैदावार की है। साथ ही सब्जियों में भी उन्होने इसका उपयोगकिया।” वहीं गाँव हाजीपुर निवासी किसान जावेद (46वर्ष) ने बताया, “वास्तव में यह छिड़काव के सबसे अच्छा परिणाम दे रहा है। शुगर मिल्स व सरकारी समितियां भी इस छिड़काव को करने के लिए किसानों को छूट दे रही है।”