‘हैलो, आज आपका बच्चा स्कूल नहीं आया’ …

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तिर्वा (कन्नौज)। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं होता यारो, जरा तबियत से एक पत्थर तो उछालो… दुष्यंत कुमार की लिखी इन पंक्तियों को कन्नौज के सहायक अध्यापक मोहम्मद परवेज साकार कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने मोहम्मद परवेज ने अपने सरकारी विद्यालय में एक ऐसी पहल शुरू की है जिससे हर ओर उनकी वाहवाही हो रही है।

कन्नौज जिला मुख्यालय से 18 किलो मीटर दूर तिर्वा तहसील के पावोरा गांव के सरकारी स्कूल में अब वॉयस कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध है। इस सुविधा के माध्यम से स्कूली बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल पर बच्चों से जुड़ी हर जानकारी भेजी जाती है। साथ ही बच्चे की उपस्थिति और होमवर्क के बारे में अभिभावकों से पूछा जाता है।

स्कूल में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके शिक्षा का स्तर सुधारने का ये तरीका परवेज ने अपनाया है। वॉयस कॉल की सुविधा को अपनाने के बाद से लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक बच्चों की उपस्थिति में सुधार हुआ है। इस कॉलिंग सुविधा से उन्होंने बच्चों के परिवार को ये समझाने की सफल कोशिश की कि शिक्षा कितनी जरूरी है और बच्चों के गैरहाजिर रहने से क्या-क्या नुकसान होता है।

कहां से आया यह आइडिया

पररवेज ने बताया कि चुनाव के दौरान मोबाइल पर राजनीतिक दलों की कई वॉयस कॉलिंग आती थीं। इसी से प्रेरित हो कर परवेज ने अपने स्कूल के बच्चों के लिए इस सुविधा की शुरुआत की। परवेज बताते हैं कि इससे समय की बचत होती है इसके साथ ही साथ बच्चों की पूरी मॉनिटरिंग करते हैं, जिसका बहुत फायदा मिल रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी उमर्दा जयसिंह को भी इसकी जानकारी मिल चुकी है। उन्होंने इस योजना की उद्धाटन कराने की बात कही है

पहल से गांव के लोग हैं बेहद खुश

गांव के लोग इस पहल से काफी खुश हैं। गांव में रहने वाली अन्नू कहती हैं कि हमारे बच्चे रोज स्कूल जाते हैं और होमवर्क करके जाते हैं। गांव के ही रामप्रसाद कहते हैं कि इस पहल को पूरे प्रदेश में लागू करना चाहिए। इलाके के राम कहते हैं कि अगर बच्चा स्कूल नहीं जाता या साफ-सुथरा नहीं पहुंचता तो मेरे पास फोन आ जाता है। सरकारी स्कूलों में इस तरह की शुरुआत अच्छी है।

(अध्यापक मोहम्मद परवेज ‘गांव कनेक्शन’ समाचार पत्र के स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट भी हैं)

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