राजीव शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
कानपुर। कानपुर नगर जिले में स्थित पशु चिकित्सालय सुबह 8 बजे खुल जाते हैं चाहे वह बिल्हौर ब्लॉक का राजकीय पशु चिकित्सालय हो या चौबेपुर ब्लॉक का पशु चिकित्सालय।
चौबेपुर ब्लॉक के पशु चिकित्सक डॉ. गोविंद बताते हैं, “ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहां के लोग पशु चिकित्सक पर ही निर्भर रहते हैं और दवाइयों की उपलब्धता समय पर हो जाती है, चिकित्सालय खुलने का समय 8 से 2:30 बजे तक रहता है, लेकिन हम लोगों को 3 से 4 बजे तक भी रुकना पड़ जाता है।”
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वहीं कानपुर नगर में स्थित पशु चिकित्सालय के डॉ. विनोद बताते हैं, “शहरी क्षेत्र में चिकित्सालय में सबसे ज्यादा लोग अपने पालतू जानवरों को लेकर आते हैं, जिसमें ज्यादा संख्या कुत्तों की होती है, लेकिन विभाग द्वारा कुत्तों का पर्चा तो 10 रुपए का बनाया जाता है, लेकिन उनके लिए दवाएं एक पैसे की भी उपलब्ध नहीं होती हैं।
ऐसे में लोगों को यह लगता है कि डॉक्टर साहब दवाएं नहीं देते हैं यह एक प्रमुख समस्या है क्योंकि जहां एक ओर बकरी का पर्चा दो रुपए, गाय-भैंस का पांच रुपए में बनता है। वहीं कुत्ते का पर्चा 10 रुपए में बनता है और कुत्तों के लिए दवाएं भी बाहर से लिखनी पड़ती हैं।”
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