स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
इलाहाबाद। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिले के किसानों का करोड़ों रुपए का कर्ज़ माफ किया गया। कर्जमाफी के बाद नए रूप से कर्ज देने के लिए बैंकों को लक्ष्य प्रदान किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से ऋण देने का लक्ष्य प्रदान किया गया है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में इलाहाबाद को शामिल करते हुए जिले में 3046 करोड़ रुपए लोन देने का लक्ष्य बैंकों को मिला है। जिसमें किसानों, आवासीय भवन निर्माण, व्यावसायिक शिक्षा के लिए, कल कारखानों और छोटी उत्पादक इकाइयों के लिए बैंकों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है।
जिले के बैंकों को 3046 रुपए ऋण देने के लक्ष्य में सबसे अधिक 1029 करोड़ रुपए किसानों को खेती और कृषि उपकरणों की खरीदारी करने के लिए दिए जाएंगे। इसके बाद 477 करोड़ रुपया कल कारखानों और छोटी उत्पादक इकाइयों की स्थापना के लिए, 299 करोड़ रुपए आवासीय भवन निर्माण के लिए ऋण, 69 करोड़ रुपए का लोन व्यावसायिक शिक्षा के लिए देने का लक्ष्य दिया गया है।
वार्षिक ऋण योजना के तहत सभी बैंकों के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शासन स्तर से मिले लक्ष्य को लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके दास ने बैंक के शाखा प्रबंधकों से वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए शिद्दत से जुट जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
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जिला कृषि अधिकारी अश्वनी सिंह का कहना है, “शासन का पूरा ध्यान कृषि उत्पादकता को दोगुना करने पर है। इसके लिए शासन स्तर से कई योजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमें से एक योजना किसानों को कृषि और कृषि संसाधनों की खरीदारी के लिए मिलने वाला ऋण योजना है। जिले के बैंकों को कई क्षेत्रों के लिए ऋण देने का लक्ष्य मिला है, जिनमें सबसे अधिक 1029 करोड़ रुपए कृषि क्षेत्र के लिए है।”
- 477 करोड़ रुपए कल कारखानों और छोटी उत्पादक इकाइयों की स्थापना के लिए।
- 299 करोड़ रुपए आवासीय भवन निर्माण के लिए।
- 69 करोड़ रुपए का लोन व्यावसायिक शिक्षा के लिए देने का लक्ष्य दिया गया है।
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