पीलीभीत के कस्तूरबा की लगभग 900 छात्राएं सीखेंगी आत्मरक्षा के गुर 

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नीतीश तोमर/स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

पीलीभीत। प्रदेश में बालिकाओं के साथ छेड़खानी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार जनपद के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जूडो-कराटे, बॉक्सिंग के साथ ताइक्वांडो का भी प्रशिक्षण देगी।

जिले में समस्त कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की करीब 900 छात्राओं को अगले माह से प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षकों का चयन शासन के निर्देश पर बनाई गई कमेटी के द्वारा किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति को प्रशिक्षण शुरू कराने के आदेश जारी कर दिए हैं।

राज्य परियोजना कार्यालय की परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा ने कस्तूरबा कॉलेज की छात्राओं को प्रशिक्षित करने के लिए मान्यता प्राप्त पर शिक्षकों का चयन जनपद में गठित कमेटी के सहयोग से करने के आदेश दिए हैं। उनके आदेश में बॉक्सिंग, जुडो-कराटे, ताइक्वांडो के लिए महिला प्रशिक्षकों का चयन करने के लिए भी कहा गया है। वर्मा के आदेश में कुश्ती के लिए अनिवार्य रूप से महिला पर शिक्षकों का ही चयन करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक बालिका के प्रशिक्षण के लिए 200 रुपए निर्धारित किए गए हैं।

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जिला समन्वयक बालिका शिक्षा मनीष श्रीवास्तव ने बताया, “यह प्रशिक्षण 90 दिन तक चलेगा। शासन के आदेश पर गठित कमेटी द्वारा पर शिक्षकों का चयन किया जाएगा। प्रशिक्षकों के चयन के समय महिला शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी।”

इस बारे में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति बताते हैं, “उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। शासन के निर्देश अनुसार गठित कमेटी द्वारा जल्द ही पर शिक्षकों का चयन किया जाएगा, जिससे अगले माह प्रशिक्षण शुरू किया जा सके। जनपद में गठित कमेटी में जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिव जिला व्यायाम शिक्षक जिला क्रीड़ा अधिकारी जिला बालिका शिक्षा सदस्य बनाए गए हैं।”

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कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय ईंटगाँव की प्रधानाचार्या कुंती देवी कहती हैं, “सरकार का निर्णय सराहनीय कदम है, क्योंकि कस्तूरबा कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं अपने परिवार से अलग रहती हैं। कई बार विद्यालय के आसपास रहने वाले लड़कों द्वारा व विद्यालय स्टाफ के ही कर्मचारियों द्वारा छेड़छाड़ की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने बा कॉलेज की छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार करने की अच्छी योजना है।”

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