नवनीत अवस्थी/स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
उन्नाव। प्रिया साफ्ट में पिछले वित्तीय वर्ष की फीडिंग न कराने वाले अधिकारियों पर डीएम ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद सीडीओ ने नौ सहायक विकास अधिकारी पंचायत और 41 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
ग्राम पंचायतों के ग्राम निधि प्रथम खाते की धनराशि से जो भी कार्य कराए जाते हैं, उसकी ऑनलाइन साइट पर फीडिंग कराए जाने का प्रावधान है। इसके लिए प्रिया साफ्ट नामक साफ्टवेयर तैयार किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिले की 107 ग्राम पंचायतें ऐसी रहीं जिन्होंने ग्राम निधि प्रथम खाते से पैसा निकाल लिया लेकिन उसमें से कराए गए कार्यों की प्रिया साफ्ट पर फीडिंग नहीं कराई।
ये भी पढ़ें- जानें ग्राम पंचायत और उसके अधिकार, इस तरह गांव के लोग हटा सकते हैं प्रधान
नियमानुसार, कराए गए कार्यों का नाम, संबंधित धनराशि और बाउचर आदि फीड किया जाना था लेकिन सचिवों ने इसमें लापरवाही दिखाई। इसकी जानकारी जब डीएम रवि कुमार एनजी को हुई तो उन्होंने सीडीओ को कार्रवाई के आदेश दिए। मुख्य विकास अधिकारी टीके शिबु ने बिछिया, पुरवा, बांगरमऊ, नवाबगंज, असोहा, हिलौली, हसनगंज व सरोसी के एडीओ पंचायत और इन्हीं ब्लाकों के 41 पंचायत सचिवों का अक्तूबर माह का वेतन रोक दिया है।
15 बीडीओ को भी नहीं मिलेगा पिछले माह का वेतन
जिलास्तरीय बैठकों से अनुपस्थित रहने पर 15 खंड विकास अधिकारियों का भी पिछले माह का वेतन रोक दिया गया है। इसमें गंजमुरादाबाद बीडीओ को अभयदान मिला है। शेष को अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिल सकेगा।
चार पंचायत सचिवों को आरोपपत्र
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रियारिटी सूची तैयार कर अपात्रों के नाम फीड करने और बाद में वर्ष 2017-18 में आवास आवंटन न करते हुए लाभार्थियों को अपात्र दर्शाते हुए लक्ष्य सरेंडर करने वाले 4 पंचायत सचिवों को आरोपपत्र थमाया गया है। जिन सचिवों से आरोपपत्र के संबंध में नोटिस जारी की गई है उनमें सुमेरपुर के शिवप्रकाश (आठ गाँव), सुशील कुमार पांडेय (छह गाँव), बेचेलाल (छह गाँव) और रामबहादुर (पांच गाँव) शामिल हैं। इन सचिवों ने क्रमश: 237, 182, 170 और और 93 आवास समर्पित किए हैं।