स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
गोंडा। जिले में धान खरीद ठप है, कारण पीसीएफ के 46 धान क्रय केद्र हड़ताल से बंद हैं। सत्रह धान क्रय केंद्र बेहाल हैं। इससे पचास हजार किसान अपना धान औने-पौने निजी व्यापारियों को बेचने को विवश हैं।
गाँव कनेक्शन टीम ने विकास खंड वजीरगंज के साधन सहकारी समिति चंदापुर जाकर देखा जहां पर बताया गया कि 23 अक्टूबर से वेतन की मांग को लेकर सचिव हड़ताल पर हैं, इससे धान खरीद बंद है। सचिव फतेहबहादुर सिंह ने बताया, “10 साल से वेतन नहीं मिला है।”
विकास खंड कटराबाजार के अहियाचेत क्रय केंद्र पर खरीद बंद मिली, यहां पर किसान दीनानाथ अवस्थी निवासी कोटिया मदारा का कहना है, “पचास कुंतल धान तैयार है लेकिन कोई एजेंसी धान खरीद को तैयार नही हैं। बनिया एक हजार रुपए में धान खरीद रहे हैं।”
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सचिव राधेश्याम प्रजापति ने बताया, “धान का मूल्य 1550 रुपए में खरीदारी होनी है लेकिन हड़ताल से खरीद नहीं हो पा रहा है।” सचिव अमृतेश गुप्ता का कहते हैं, “26 कुंतल की खरीदारी हुई है लेकिन मंगलवार को खरीदारी बंद रही।”
पहली बार हो रही है ऑनलाइन खरीद
उत्तर प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को अपनी उपज का पूरा लाभ मिल सके और धान खरीद की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे इसलिए इस बार खरीफ विपणन वर्ष-2017-18 में किसानों से ऑनलाइन धान खरीदने का फैसला सरकार ने किया है। पहली बार लागू हो रही इस व्यवस्था में किसानों को कोई असुविधा न हो इसके लिए सभी क्रय केन्द्रों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। किसान जन सूचना केन्द्र, अपने निजी कंप्यूटर या लैपटाप और साइबर कैफे की मदद से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
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