लखनऊ। हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस खेल दिवस पर उत्तर प्रदेश सरकार भी प्रदेश के शीर्ष खिलाडिय़ों का आज सम्मान करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर खेल के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान के रूप में लक्ष्मण तथा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार खिलाडिय़ों को प्रदान करेंगे। सम्मान समारोह शाम चार बजे से होगा। आज ही महिला विश्व कप क्रिकेट की उप विजेता टीम की प्रदेश की सदस्यों को आठ-आठ लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी।
उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद शहर मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली था जबकि झांसी में 29 अगस्त 1905 को उनका जन्म हुआ था। दद्दा के नाम से देश भर में विख्यात मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार पहली बार खेल दिवस पर लक्ष्मण तथा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान करने जा रही है।
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प्रदेश सरकार 2016-17 के सत्र में अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को सम्मानित करेगी। लक्ष्मण पुरस्कार में पुरुष खिलाड़ी को तीन लाख, 11 हजार रुपया नकद धनराशि के साथ लक्ष्मण की कांस्य प्रतिमा व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। इसी तरह रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार में तीन लाख 11 हजार रुपये की धनराशि के साथ कांस्य की प्रतिमा व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
लक्ष्मण पुरस्कार
बिजनौर के कबड्डी खिलाड़ी, राहुल चौधरी, गोण्डा के साफ्ट टेनिस खिलाड़ी शनीष मणि मिश्रा, इलाहाबाद के जिमनास्ट सिद्धार्थ वर्मा, इलाहाबाद के हाकी खिलाड़ी दानिश मुज्तबा तथा मेरठ के शूटर मोहम्मद असब को मिलेगा।
रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार
देवरिया की हैंडबाल खिलाड़ी मंजुला पाठक, बागपत की भारोत्तोलक सुशीला पवार, इलाहाबाद की ताइक्वांडो खिलाड़ी श्रेया सिंह, बलिया की खो-खो खिलाड़ी प्रीति गुप्ता, लखनऊ की साफ्टबॉल खिलाड़ी श्रेया कुमार तता मेरठ की पहलवान गार्गी यादव को मिलेगा। इसी तरह वेटरन वर्ग में लक्ष्मण पुरस्कार लखनऊ के हॉकी खिलाड़ी रजनीश कुमार मिश्रा तथा लक्ष्मीबाई पुरस्कार गोरखपुर की हॉकी खिलाड़ी रंजना व बुलंदशहर की जूडोका अंशू दलाल को दिया जाएगा।
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महिला विश्व कप क्रिकेट की उप विजेता टीम की सदस्य रहीं प्रदेश की खिलाडिय़ों को आठ-आठ लाख रुपया तथा साउथ एशियन खेल के पदक विजेताओं को एक-एक लाख रुपया की धनराशि प्रदान की जाएगी। महिला विश्वकप में शानदार प्रदर्शन करने वाली आगरा की पूनम यादव और दीप्ति शर्मा को राज्य सरकार आठ-आठ लाख रुपया प्रदान करेगी। साउथ एशियन खेल पांच से 16 फरवरी तक गुवाहाटी में हुए थे। इनके पदक विजेताओं में इनमें इंदु गुप्ता, श्रृष्टि अग्रवाल, मंजुला पाठक, सचिन कुमार भारद्वाज और उचित शर्मा शामिल हैं। पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई को भी आज खेल दिवस पर नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा।
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भारत सरकार के अर्जुन पुरस्कार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 1972 में राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को ‘लक्ष्मण पुरस्कार’ से सम्मानित करने की प्रथा शुरू की। 2000 में महिलाओं को ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाने लगा। अब तक राज्य के कुल 137 खिलाडिय़ों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें 33 महिलाएं हैं।
लंदन में आयोजित महिला विश्वकप में दीप्ति शर्मा कुल 12 विकेट चटकाकर टॉप-5 में रही थीं। इसके अलावा पूनम यादव ने भी 11 विकेट लेकर टॉप-4 में अपनी जगह बनाई थी। बीसीसीआई की ओर से पहले ही विश्वकप में हिस्सा लेने वाली सभी महिला खिलाडिय़ों को 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा हो चुकी है।
बलिया की बेटी को प्रदेश का खेल सर्वोच्च खेल सम्मान
उप्र सरकार के वाले सर्वोच्च खेल पुरस्कार प्राप्त करने वालो में प्रीति गुप्ता (अंतर्राष्ट्रीय खो-खो खिलाड़ी एवं एशियन गोल्ड मेडलिस्ट) का नाम शामिल है। प्रीती को राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री चेतन चौहान सम्मानित करेंगे।
प्रीति गुप्ता की माता उषा देवी को लखनऊ में खेल मंत्री चेतन चौहान ने वीर माता जीजा बाई से सम्मानित किया था। मां-बेटी ने बलिया जनपद का नाम उप्र के खेल मानचित्र पर सदा-सदा के लिए अमर कर दिया। बलिया तहसीली स्कूल में पढ़ते हुए प्रीति ने 2007 से अपना खेल भारतीय खो-खो संघ के संयुक्त सचिव विनोद कुमार सिंह के निर्देशन में आरंभ किया। मिड्ढ़ी निवासी उमाशंकर गुप्त की पुत्री प्रीति ने एक समाचार एजेंसी बताया कि खेल की बारीकियां बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित तहसीली स्कूल के खेल मैदान पर विनोद सर से सीखी।
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प्रीति ने सदैव आदर्श खिलाड़ी के रूप में अपने सामने साउथ एशिया गोल्ड मेडलिस्ट मृगेन्दु राय को रखकर लक्ष्य निर्धारित किया। प्रीति की इस ‘उड़ान’ पर उत्तर प्रदेश खो-खो एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. राकेश सिंह ने खुशी जाहिर की। कहा कि प्रीति ने खो-खो का नाम न सिर्फ बुलंद की है, बल्कि सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त करने वाली बलिया की पहली बेटी भी बनी।