सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अयोध्या मामले में होगी मध्यस्थता

तीन सदस्यीय मध्यस्थों के पैनल में जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्ला, वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचु और धर्म गुरू श्री श्री रविशंकर शामिल हैं।
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लखनऊ। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम निर्णय सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले का निर्णय मध्यस्थ करें। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए मध्यस्थों का एक पैनल भी बनाया है, जिसमें सभी पक्षों के लोग शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाएगा। मीडिया को भी इसकी रिपोर्टिंग करने की इजाजत नहीं होगी।

तीन सदस्यीय मध्यस्थों के पैनल में जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्ला, वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचु और धर्म गुरू श्री श्री रविशंकर शामिल हैं। मध्यस्थता फैजाबाद और अयोध्या में होगी और इस पैनल को एक महीने के बाद प्रोग्रेस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपना होगा। मध्यस्थता की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिंदू पक्षकार और निर्मोही अखाड़ा के लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से खुश नहीं हैं और वे इस फैसले पर विचार करेंगे। वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी का कहना है कि मध्यस्थता एक सही प्रक्रिया है लेकिन इससे मामले का हल निकलना काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी उनके पिता और ज्ञानदास ने ऐसी ही कोशिश की थी लेकिन उसका कोई हल नहीं निकल पाया था।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इस मामले में वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से खुश हैं। उन्होंने कहा कि वह मध्यस्थता पैनल को अपनी तरफ से पूरा सहयोग देंगे। वहीं सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सवाल तो नहीं खड़ा कर रहे लेकिन इससे पहले भी मध्यस्थता की कोशिश हो चुकी है लेकिन कुछ समाधान नहीं निकला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राम भक्त और संत अब इस मामले में कोई देरी नहीं चाहते। 

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