‘अगर कप्तान बॉस है तो कोच की जरूरत ही क्या है’

virat kohli

लखनऊ। टीम इंडिया के कोच पद से अनिल कुंबले के इस्तीफा देने के बाद उनके सपोर्ट में पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर खुलकर सामने आए हैं। गावस्कर का कहना है कि अगर कोई कोच खिलाड़ियों को अनुशासन सिखाता है और प्रैक्टिस के लिए कहता है तो ये टीम के लिए लाभदायी है। इसके बाद शूटर अभिनव बिंद्र और बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने भी इस विवाद को लेकर अपने ही अंदाज में ट्वीट किया है।

एनडीटीवी से बातचीत करते हुए सुनील गावस्कर ने उस रिपोर्ट पर अपनी राय दी जिसमें कुंबले को हार्ड टास्कमास्टर बताया गया और टीम के कुछ खिलाड़ियों के साथ उनके सही संबंध नहीं थे। गावस्कर ने कहा, तो आप सीधे-सीधे सॉफ्टी चाहते हैं। आप किसी ऐसे शख्स को कोच के रूप में चाहते हैं तो आपसे कहे, ओके बॉयज अगर आज आप अच्छा नहीं महसूस कर रहे हैं तो आप आज प्रैक्टिस मत करिए। छुट्टी लीजिए और शॉपिंग पर जाइए। अगर कोई हार्ड टास्कमास्टर (सख्त मिज़ाज) है और उसने आपको वो परिणाम दिए जो अनिल कुंबले ने पिछले एक साल में टीम को दिए। अगर किसी खिलाड़ी को उनसे शिकायत है तो मेरा मानना है कि उस खिलाड़ी को टीम से चले जाना चाहिए। बोर्ड को अगर लगता है कि कप्तान ही बॉस है तो कोच की जरूरत नहीं है।

काफी दिनों से टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच खिट-पिट की खबरें आ रही थीं जो चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारत की हार के बाद जाहिर हो गईं।

ये भी पढ़ें: वर्ल्ड म्यूजिक डे: विज्ञान ने भी माना है संगीत के चमत्कार को

गावस्कर कहते हैं, ‘ईमानदारी से कहूं तो कुंबले ने भारत के एक खिलाड़ी के रूप में जो उपलब्धि हासिल की है और पिछले एक साल से कोच रहते हुए जो उपलब्धियां टीम को दिलाई है, अभूतपूर्व से कम कुछ नहीं है। ये जो कुछ भी हुआ है इससे अगले कोच के लिए ये संकेत जाता है कि या तो आपको खिलाड़ियों की मर्जी के आगे झुकना और वे जो चाहते हैं वो करने देना चाहिए या फिर आपका हश्र भारतीय क्रिकेट के लीजेंड अनिल कुंबले जैसा होगा और आपको खुद बाहर हो जाना पड़ेगा और यह बहुत दुखदायक है।’

ये भी पढ़ें: शर्मनाक : डॉक्टर्स ने एंबुलेंस देने से मना कर दिया, 80 प्रतिशत झुलसी बहन को कंधे पर लादकर भटकता रहा भाई

कुंबले के जाने की एक वजह उनका बीसीसीआई में कोई समर्थन न होना भी बताया जा रहा है। कुंबले का चयन सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण ने किया था, लेकिन उनके अलावा कुंबले को सपोर्ट करने वाला कोई नहीं था। वह टीम में अनुशासन को लेकर बेहद सख्त थे। उन्होंने कई बार प्रैक्टिस के दौरान भी खिलाड़ियों को लताड़ लगाई थी। कोच के तौर पर कुंबले कभी भी विराट की पहली पसंद नहीं रहे।

इससे पहले मंगलवार को अनिल कुंबले ने बीसीसीआई को पत्र भेजकर कोच पद से इस्तीफा सौंपा था, जिसके प्रमुख अंश इस प्रकार है-

क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने मुझे मुख्य कोच पर बने रहले के लिए कहा। मुझ पर दिखाए गए उनके भरोसे से मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। बीते एक वर्ष की सफलता का श्रेय कप्तान, पूरी टीम, सहायक कोच और सपोर्टिंग स्टाफ को जाता है। इस खत से पहले, बीसीसीआई ने पहली बार मुझे बताया कि कप्तान को मेरे ‘तरीकों’ और मेरे कोच बने रहने से दिक्कत थी।

मुझे यह अटपटा लगा क्योंकि मैंने हमेशा कोच और कप्तान की बीच की सीमाओं को सम्मान किया है। हालांकि, बीसीसीआई ने हमारे बीच की खाई पाटने की कोशिश की, मगर यह साफ हो गया कि अब सब कुछ ठीक नहीं हो सकता। ऐसे में अब मेरे लिए आगे बढ़ जाना ही सबसे बेहतर विकल्प होगा।

प्रोफेशनलिस्म, अनुशासन, समर्पण, ईमानदारी और हुनर जैसे कुछ गुण मैं अपने साथ लाया। इनके सम्मान से ही संबंधों बेहतर किया जा सकता है। एक कोच को टीम को बेहतर बनाने के लिए खुच को भी निरंतर रूप से बेहतर बनाना होता है। मेरे अनुसार इन मतभेदों के बीच यह जिम्मेदारी बीसीसीआई और सीएसी को सौंप देना ही बेस्ट होगा। वो इसे अपने विवेक अनुसार किसी को भी दे सकते हैं। मैं एक बार फिर बीसीसीआई और सीएसी का शुक्रिया अदा करता हूँ। पिछले एक साल टीम इंडिया के साथ जुड़े रहना एक सम्मानजनक बात थी। इसके अलावा मैं क्रिकेट फैंस और भारतीय क्रिकेट समर्थकों के आपार प्यार और साथ का भी शुक्रिया अदा करता हूँ। मैं हमेशा अपने देश की क्रिकेट परंपरा का शुभचिंतक बना रहूंगा।

Recent Posts



More Posts

popular Posts