BCCI ने लिया फैसला, अब बाउंड्री लाइन पर नहीं दिखेगा टीम इंडिया का दिव्यांग फैन धर्मवीर

Polio-afflicted cricket fan

लखनऊ। क्रिकेट मैच के दौरान हमेशा बाउंड्री पर गेंद पकड़ने वाले पोलिया से प्रभावित धर्मवीर पाल को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड(बीसीसीआई) ने बड़ा फैसला लिया। बीसीसीआई ने फैसला लिया कि वह अब मैच के दौरान बाउंड्री पर गेंद नहीं उठाएंगे। उन्होंने यह फैसला सोशल मीडिया पर हुई आलोचनाओं के बाद लिया।

पोलिया से प्रभावित धर्मवीर पाल को टीम इंडिया के बहुत बड़े फैन हैं। वह कई सालों से बाउंड्री पर देखे जाते हैं। अधिकांश लोग उन्हें पहचानते हैं, लेकिन अब वह बॉल ब्वॉय के रूप में दिखाई नहीं देंगे। वह स्टेडियम में स्टेंड्स पर बैठकर मैच देख सकेंगे। अब वह सीमापर गेंद उठाते हुए नहीं दिखाई देंगे।

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क्यों हुई थी आलोचना?

सोशल मीडिया में इस बात की कड़ी आलोचना हो रही थी कि एक पोलियो से प्रभावित व्यक्ति से गेंद उठाकर लाने काम लिया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के साथ समाप्त हुई वनडे सीरीज के बाद बीसीसीआई को टैग करके यह सवाल उठने लगे थे कि एक फिजिकली चैलेंज्ड लड़के को बॉल ब्वाय क्यों रखा गया है। सोशल मीडिया पर यह भी लिखा गया कि आपने पोलियो से प्रभावित एक व्यक्ति को सीमा पर क्यों खड़ा किया हुआ है? लिहाजा इंडियन क्रिकेट बोर्ड ने एक सर्कुलर भेज कर यह साफ कर दिया है कि अब धर्मवीर को बॉल ब्वॉय के रूप में इस्तेमाल न किया जाए।

बायें हाथ पर टैटू गुदवाए धर्मवीर कहते हैं, क्रिकेट मेरे जीवन का आधार है। धर्मवीर बहुत से क्रिकेटरों को जानते हैं। 2013 में सचिन तेंदुलकर के फेयरवेल टेस्ट भी वह बाउंड्री पर मौजूद थे। यहीं सचिन धर्मवीर और एक अन्य क्रिकेट फैन सुधीर कुमार गौतम से मिले थे। गौतम अपने पूरे शरीर पर तिरंगा पेंट कराकर मैच देखते हैं। सचिन ने इनसे कहा था, तुम लोगों की वजह से ही हम क्रिकेट खेलते हैं। इंडियन क्रिकेट को तुम्हारे जैसे फैन्स की जरूरत है।

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युवराज सिंह ने एक बार धर्मवीर के बारे में कहा था, एक दिव्यांग के भीतर क्रिकेट का इतना जुनून देखकर हमें भी उसकी मदद करनी चाहिए। वह हमेशा हमारे मैच देखने आते हैं, लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के साथ संपन्न हुई वन डे सीरीज के बाद बीसीसीआई को टैग करके यह सवाल उठने लगे थे कि एक फिजिकली चैलेंज्ड लड़के को बॉल ब्वाय क्यों रखा गया है। सोशल मीडिया पर यह भी लिखा गया कि आपने पोलियो से प्रभावित एक व्यक्ति को सीमा पर क्यों खड़ा किया हुआ है?

इसके बाद बीसीसीआई के जनरल मैनेजर (गेम डेवलपमेंट) रत्नाकर शेट्टी ने सभी राज्यों की एसोसिएशंस को यह सलाह दी है कि न्यूजीलैंड बनाम इंडिया और श्रीलंका बनाम इंडिया के गेंम्स में किसी भी दिव्यांग को सीम पर बॉल ब्वॉय न बनाया जाए। शेट्टी ने लिखा कि अंतरराष्ट्रीय मैचों में राज्य ईकाइयों द्वारा दिव्यांगों को बॉल ब्वॉय बनाने की हमारी आलोचना हो रही थी। उन्होंने आगे लिखा, आप सब लोगों को यह सलाह है कि आगे से किसी भी दिव्यांग का इस्तेमाल बॉल ब्वॉय के रूप में न हो। उन्हें स्टेडियम में बैठने के लिए उचित जगह दी जाए।

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स्टैंड्स में बैठकर देख सकते हैं मैच

हालांकि बोर्ड ने यह कहा है कि धर्मवीर स्टैंड्स में बैठकर पूरा मैच देख सकते हैं। साथ ही बीसीसीआई ने अपनी सभी स्टेज एसोसिएशनों को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि बॉल-बॉय के रूप में ऐसे व्यक्ति का उपयोग ना करें।

धर्मवीर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं। जब वह केवल 8 माह के थे तब वह पोलियो के प्रभाव में आए। वह युवास्था से ही क्रिकेट के जबरदस्त फैन रहे हैं। वह फिजिकल चैलेंज्ड के लिए ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिशन द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में अपने गृह राज्य की टीम के कप्तान भी रहे हैं।

धर्मवीर टीम इंडिया को सपोर्ट करने के लिए ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी जा चुके हैं। धर्मवीर बताते हैं कि वह 2004 से लगातार इस गेम से जुड़े हैं। वह लगभग सभी खिलाड़ियों को जानते हैं। वह कहते हैं कि सभी खिलाड़ियों का व्यवहार मेरे साथ दोस्ताना रहा है। सचिन, युवराज, विराट और वीरेंद्र सहवाग को मैंने हमेशा एक मददगार के रूप में देखा है।

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