पर्दे के पीछे का वो शख्स जिसकी बदौलत आज सबकी निगाहें वुमन वर्ल्डकप फाइनल पर हैं

BCCI

लखनऊ। आज हर किसी की निगाहें ऐतिहासिक लॉर्ड्स में होने वाले वुमन वर्ल्ड कप फाइनल पर हैं। पूरे टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही टीम इंडिया के पहली बार खिताब हासिल करने के मौके बनते नज़र आ रहे हैं। नतीजा चाहे जो हो लेकिन महिला टीम के जबरदस्त खेल और कॉन्फिडेंस को कोई नहीं भूलेगा।

कैसे बनी इंडिया तहलका मचाने वाली टीम, महज दो महीने में खिलाड़ियों का प्रदर्शन कैसे निखरा, इस सारे सवालों का जवाब है तुषार आरोठे। टीम इंडिया के हेड कोच तुषार ही वो शख्स हैं जिनके टिप्स और कोचिंग पर आज टीम इंडिया इंग्लैंड की धरती पर उधम मचा रही है। हालांकि इनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

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दो महीने में बदल दी टीम की सूरत

इसी महीने अप्रैल में बीसीसीआई ने पूर्व कोच पूर्णिमा राव की जगह तुषार को नियुक्त किया और महज दो महीने में ही टीम का प्रदर्शन देखिए टीम वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही है।

17 सितंबर, 1966 को गुजरात के बड़ौदा में जन्मे तुषार बालचंद आरोठे ऑलराउंडर के तौर पर रणजी खेल चुके हैं। काफी समय तक कप्तानी भी की और बड़ौदा रणजी टीम के कोच भी रहे।आरोठे इससे पहले भी 2008 से 2012 के बीच भारतीय महिला टीम के कोच रह चुके हैं। मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी सीनियर खिलाड़ी के साथ उनका पहले भी अनुभव रह चुका है।

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फिल्डिंग और फिटनेस पर दिया जोर

इस बार वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले आरोठे ने फिल्डिंग और फिटनेस पर काफी जोर दिया था। इंग्लैंड जाने से पहले आरोठे ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, हम बैटिंग और बॉलिंग पर भी ध्यान दे रहे हैं लेकिन फिल्डिंग और फिटनेस सुधारना हमारा मुख्य फोकस है।

आरोठे ने बताया कि उन्हें कोच बनने के लिए बीसीसीआई से कॉल आया और मैं नेशनल टीम का कोच बनने का मौका मिस नहीं करना चाहता था।

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