हरिद्वार (भाषा)। राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप की शुरुआत कल से होगी, जिसमें 31 टीमों की 250 से अधिक मुक्केबाज खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगी। यह देश में मुक्केबाजी के लिए नई शुरुआत होगी, जिसे पिछले चार साल से प्रतियोगिताओं के अभाव में नुकसान उठाना पड़ा है।
नवगठित भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) द्वारा आयोजित यह पहली बड़ी प्रतियोगिता है और माना जा रहा है कि इससे खेल के हालात सामान्य होंगे जो पिछले चार साल से प्रशासनिक गतिरोध का सामना कर रहा है।
कई बड़ी हस्तियों ने चैम्पियनशिप से हाथ खींचा
इस प्रतियोगिता की चमक हालांकि कुछ फीकी होगी क्योंकि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और पांच बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकोम, एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता एल सरिता देवी और राष्ट्रीय खेलों की कांस्य पदक विजेता पिंकी जांगडा विभिन्न कारणों से टूर्नामेंट से हट गई हैं। सरिता और पिंकी चोटिल हैं जबकि राज्यसभा सांसद मैरीकोम ने अन्य प्रतिबद्धताओं का हवाला दिया है। मैरीकोम और सरिता हालांकि प्रतियोगिता के समर्थन के लिए शहर आएंगी।
सितंबर में नए चुनावों के बाद नए महासंघ ने जिम्मेदारी संभाली है और मुक्केबाजों को अब स्थिरता आने की उम्मीद है।
टूर्नामेंट के दौरान पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन चैम्पियन निखत जरीन ओलंपिक वजन वर्ग 51 किग्रा वर्ग के साथ सीनियर स्पर्धाओं में खुद को स्थापित करने की कोशिश करेंगी।
विश्व चैम्पियनशिप 2014 की रजत पदक विजेता मणिपुर की सरजूबाला देवी (48 किग्रा) और हरियाणा की सोनिया लाठेर (57 किग्रा) पर भी सभी की नजरें टिकी होंगी। सोनिया इस साल विश्व चैम्पियनशिप में रजत के साथ पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला मुक्केबाज थी।