नई दिल्ली (भाषा)। अर्जुन पुरस्कार से कोई पात्र उम्मीदवार वंचित नहीं रहे इसके लिए खेल मंत्रालय चयन पात्रता में संशोधन की योजना बना रहा है, जिससे गैर नामित खिलाड़ियों के नाम पर भी इस सम्मान के लिए विचार किया जा सकेगा। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि खेल मंत्री विजय गोयल पहले ही चयन पात्रता में बदलाव को लेकर चर्चा शुरु कर चुके हैं।
इस चर्चा की जानकारी रखने वाले खेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, ”देखिये, चयन समिति की विश्वसनीयता पर कभी सवाल नहीं उठाए गए और पारदर्शिता भी थी। हमेशा से प्रतिष्ठित लोग समिति का हिस्सा रहे हैं लेकिन अगले साल से हमें इस योजना को संशोधित करना होगा।” अधिकारी ने कहा, ”जल्द ही नये दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे और यहां तक कि जिन्होंने आवेदन नहीं किया या जिन्हें उनके संबंधित महासंघों ने नामांकित नहीं किया, उनके नाम पर विचार किया जाएगा अगर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है और इसके हकदार हैं तो।”
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यह पूछने पर कि क्या इस बार रोहन बोपन्ना जैसे विवाद से बचने के लिए ऐसा किया गया है, अधिकारी ने कहा कि यह पुरानी प्रणाली में सुधार लगाने की प्रक्रिया है। अच्छे प्रदर्शन के बावजूद बोपन्ना की लगातार अनदेखी हुई है। अधिकारी ने कहा, ”यह किसी व्यक्ति से जुड़ा मामला नहीं है। प्रणाली में सुधार की जरुरत है इसलिए समिति इस पर संज्ञान ले सकती है।” नये पात्रता नियम चयन समिति के प्रत्येक सदस्य को उन हकदार खिलाड़ियों के नाम पर विचार करने की स्वीकृति देंगे जिन्हें नामित नहीं किया गया है। सदस्य की सलाह पर पैनल आकलन करेगा कि क्या खिलाड़ी को सम्मान के लिए चुना जा सकता है या नहीं।
जून में फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीतने वाले बोपन्ना को इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया क्योंकि उनका नामांकन मंत्रालय के पास 28 अप्रैल की समयसीमा गुजरने के बाद पहुंचा था। हाल में मिताली राज जब महिला क्रिकेट के इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज बनी थी तो उन्हें खेल रत्न देने की मांग हुई थी, लेकिन उन्हें नामित नहीं किया गया इसलिए समिति ने उनके मामले पर चर्चा नहीं की।
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पता चला है कि समिति के एक सदस्य ने तीन अगस्त को चयन पैनल की बैठक से पहले पूछा था कि क्या मिताली के नाम पर भी चर्चा की जा सकती है। सदस्य को बताया गया कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि बीसीसीआई या किसी अन्य संगठन ने उन्हें नामित नहीं किया है। मौजूदा प्रणाली के तहत खिलाड़ियों को विश्वकप, विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते हैं। यह देखना भी रोचक होगा कि क्या मंत्रालय अंक देने की प्रणाली में भी संशोधन पर विचार करता है या नहीं।