ये योगासन बनाएंगे आपके घुटनों को मजबूत

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आप शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों में संतुलन बनाए रखना होगा। नित्य समय पर सोकर उठना, संतुलित आहार लेना और शारीरिक चपलता बनाए रखने के लिए खुद को सक्रिय रखना और सही समय पर सो जाना आदि बेहद जरूरी है। दैनिक क्रियाकलापों की तरह व्यायाम, योग आदि को भी अपनाना जरूरी है। लेकिन हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही योगाभ्यास करें ताकि हम इन्हें सही तरीके से कर सकें और पूरा लाभ उठा पाएं। योगानंता, स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक और योग विशेषज्ञ रेखा चर्चा कर रही हैं कुछ ऐसे योगासनों की जिनसे घुटने स्वस्थ और मजबूत बनते हैं।

आज के दौर में घुटनों का दर्द एक आम समस्या बन गई है। लगभग हर व्यक्ति घुटनों के दर्द से परेशान है। इस लेख में हम कुछ ऐसे आसनों की चर्चा करेंगे जिन्हें नियमित रूप से करने से घुटने हमेशा स्वस्थ रहेंगे और भविष्य में घुटनों के दर्द से जूझना नहीं पड़ेगा। तो आइए इन आसानों के बारे में बात करते हैं:

वीरासन: सबसे पहले आप वज्रासन की स्थिति में बैठें,और धीरे धीरे अपने पैरों को फैलाएं और अपने कूल्हों (हिप्स ) को दोनों पैरों के बीच अर्थात आसन पर रखने का प्रयास करें। इसके बाद दोनों हाथों को घुटनों पर सीधा तान कर रखें और अपने कन्धों को आराम की मुद्रा में रखें, शुरूआत में आप इसी आसन में 3 से 4 मिनट तक बने रह सकते हैं। धीरे-धीरे इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। हमेशा याद रखें कोई भी आसन अपनी क्षमतानुसार ही करें।

वीरासन आपके पैरों और घुटनों में रक्त संचार को बढ़ाता है और पैरों की थकावट को दूर करता है, जिनको अत्यधिक निद्रा की समस्या हों उनके लिए ये आसन अति उत्तम है।

सावधानी: जिन्हे घुटनों में दर्द हैं वे लोग इस आसन को ना करें।

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मालासन: अपने आसन पर पैर फैला कर खड़े हो जाएं, पंजे बाहर की तरफ निकले हुए हों। अब आहिस्ता से चेयर पोज़ में आएं और धीरे धीरे अपने कूल्हों (हिप्स) को और नीचे लेकर जाएं और अपने घुटनों और जांघों को अच्छी तरह खिंचने (स्ट्रेच होने) दें, दोनों हाथों को अच्छी तरह से मिला लें एवं नमस्कार मुद्रा में बने रहें , इसी आसन में 30 से 60 सेकंड तक बने रहें। यह आसन 5 बार दोहराएं।

यह आसन जोड़ों के दर्द के लिए अत्यंत लाभप्रद है, जांघों में खिंचाव जैसी समस्याओं से भी ये निज़ात दिलाता है। हिप्स जॉइंट्स और मेरुदंड को भी ये आसन मजबूती प्रदान करता है।

गर्भवती स्त्रियों के लिए यह आसन वरदान तुल्य आसन माना गया है क्योंकि इससे गर्भपात जैसी समस्या से छुटकारा मिल जाता है।

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मकरासन: सबसे पहले अपने आसन पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों पैरों को अपने आसन के जितना फैला लीजिए। आपकी ठोड़ी, छाती और पेट आसन से लगा होना चाहिए, अब आप धीरे से अपने सिर को उठाएं और दोनों हाथों को गालों पर लगाते हुए कप का आकार बनाएं।

अब धीरे धीरे अपने दोनों पैरों को नीचे से ऊपर उठाते हुए अपने कूल्हों (हिप्स) की तरफ लाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे लेकर जाएं, इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है, आप इस तरह से इसे 10 बार कर सकते हैं। मकरासन घुटनों के लिए लाभदायक तो है ही साथ में इससे कमर दर्द से भी आराम मिलता है।

त्रिकोणासन: अपने दोनों पैरों को 2 से 3 फीट तक खोल कर एकदम सीधे खड़े हो जाएं। अपनी दोनों भुजाओं को कन्धों के समानंतर खोल लें, अब धीरे-धीरे अपनी कमर से, अपने दाहिने और झुकना शुरू करें, और आखिर में अपने दाहिने हाथ से अपने दाहिने पैर को छूने का प्रयास करें दूसरा हाथ आसमान की तरफ सीधा होगा, अब अपने सिर को घुमाते हुए बाएं हाथ के अंगूठे को देखें।

गहरी सांस लेते हुए हाथों को बिल्कुल सीधे करते हुए एकदम पहले की तरह सीधे खड़े हो जाएं। एक-दो बार लम्बी गहरी सांस लें। इसी तरह ये प्रक्रिया दूसरे हाथ से भी करें, दोनों तरफ से जब क्रिया हो जाये तभी एक चक्र पूरा होता है, इस तरह आप ये आसन 5 से 7 चक्र कर सकते हैं।

त्रिकोणासन करने से पैरों एवं घुटनों के अलावा कूल्हों एवं गर्दन, रीढ़ और टखनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा यह आसन कंधों और सीने को चौड़ा बनाने में मदद करता है।

(रेखा योगानंता-स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक हैं और योग विशेषज्ञ हैं।) 

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